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भाजपा पर कमलनाथ ने साधा निशाना, कहा- हम धर्म को अपनी राजनीति का आधार नहीं मानते

By मनाली रस्तोगी | Updated: May 30, 2022 11:48 IST

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है लेकिन वह मूर्ख नहीं हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार पर अन्य पिछड़े वर्गों के साथ गंभीर अन्याय करने का भी आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने दावा किया कि राज्य ने पंचायत चुनावों में ओबीसी को केवल 9-13 प्रतिशत कोटा दिया है।

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ठळक मुद्देमध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि धर्म राजनीति का आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा धर्म हमारे परिवार की घटना है, यह राजनीति की घटना नहीं है।

भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को कहा कि धर्म राजनीति का आधार नहीं है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हम धर्म को अपनी राजनीति का आधार नहीं मानते। हम धर्म को एक घटना नहीं बनाते हैं। हमारा धर्म हमारे परिवार की घटना है, यह राजनीति की घटना नहीं है।" समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कमलनाथ ने कहा कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है लेकिन वह मूर्ख नहीं हैं। 

यही नहीं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार पर अन्य पिछड़े वर्गों के साथ गंभीर अन्याय करने का भी आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने दावा किया कि राज्य ने पंचायत चुनावों में ओबीसी को केवल 9-13 प्रतिशत कोटा दिया है। कमलनाथ का ये बयान मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के बाद आया है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा का कहना है कि वह ओबीसी को 35 फीसदी कोटा देगी, लेकिन हकीकत में उसने ओबीसी समुदाय को जिला पंचायत सदस्यों की 11.2 फीसदी सीटें, जनपद पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए 9.5 फीसदी, जनपद पंचायत सदस्यों को 11.5 फीसदी सीटें दी हैं। सरपंचों (ग्राम पंचायतों के मुखिया) के लिए सिर्फ 12.5 फीसदी सीटें।" 

पूर्व सीएम ने आगे दावा किया कि ओबीसी को 19 जिलों में जिला पंचायत सदस्यों के लिए शून्य पद, 28 जिलों में जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिए शून्य पद और 10 जिलों में जनपद पंचायत सदस्यों के लिए शून्य पद मिले हैं। मालूम हो, मध्य प्रदेश राज्य ओबीसी कल्याण आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सीटों के नए सिरे से आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। 

सीटों के ताजा आरक्षण के आधिकारिक आंकड़े अभी संकलित तरीके से उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि नई प्रक्रिया से ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षित सीटों की संख्या में कमी आई है।

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