कांग्रेस का ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार पर बड़ा हमला, बेच डाली वफादार कुत्ते की समाधि

By शिवअनुराग पटैरया | Published: October 9, 2020 06:36 PM2020-10-09T18:36:12+5:302020-10-09T18:36:31+5:30

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारीलाल दुबे एवं मीडिया प्रमुख (ग्वालियर-चम्बल संभाग)  के.के. मिश्रा ने सिंधिया परिवार पर निरंतर लगाये जा रहे विभिन्न भूमि घोटालों में अपने वफादार कुत्ते की समाधि की भूमि को भी अवैध रूप से बेच दिये जाने का गंभीर आरोप लगाया है.

Madhya Pradesh congress attack bjp mp Jyotiraditya Scindia family land dog | कांग्रेस का ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार पर बड़ा हमला, बेच डाली वफादार कुत्ते की समाधि

माधवीराजे सिंधिया ने अपने पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया व पुत्री चित्रांगदाराजे की सहमति के साथ इस भूमि का विक्रय कर दिया. (file photo)

Highlightsसिंधिया परिवार को वफादरी शब्द से ही कितनी नफरत है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है.इस परिवार ने अपने वफादार कुत्ते की मौत के बाद बनवाई गई उसकी समाधि को भी बेच खाया.सन 1996 तक राजस्व अभिलेखों में राजस्व विभाग, कदीम, आबादी, पटोर नजूल के तौर पर दर्ज थी.

भोपालः कांग्रेस ने भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि सिंधिया परिवार के अपने वफादार कुत्ते की समाधि तक को बेंच डाला.

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारीलाल दुबे एवं मीडिया प्रमुख (ग्वालियर-चम्बल संभाग)  के.के. मिश्रा ने सिंधिया परिवार पर निरंतर लगाये जा रहे विभिन्न भूमि घोटालों में अपने वफादार कुत्ते की समाधि की भूमि को भी अवैध रूप से बेच दिये जाने का गंभीर आरोप लगाया है.

कांग्रेस नेता द्वारा दुबे और मिश्रा ने कहा कि आजादी के संग्राम और राजनीति में गद्दारी के पर्याय बन चुके सिंधिया परिवार को वफादरी शब्द से ही कितनी नफरत है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस परिवार ने अपने वफादार कुत्ते की मौत के बाद बनवाई गई उसकी समाधि को भी बेच खाया.

अपने इस आरोप को स्पष्ट करते हुये उन्होंने कहा कि यह समाधि ग्राम महलगांव तहसील ग्वालियर के सर्वे क्र. 916  रकवा .293 (1 बीघा 8 बिस्वा) सन 1996 तक राजस्व अभिलेखों में राजस्व विभाग, कदीम, आबादी, पटोर नजूल के तौर पर दर्ज थी.

सन 1996 के पश्चात कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से तहसीलदार, ग्वालियर द्वारा बिना किसी वैधानिक आवेदन, बिना किसी प्रकरण दायर किये और शासन का पक्ष सुने स्व. माधवराव सिंधिया के नाम पर नामांतरित कर दी गई इस अवैध कार्य में तत्कालीन तहसीलदार ने उच्च न्यायालय, ग्वालियर की याचिका क्र.-61,62,63,64/1969 के आदेश दिनांक-08 सितंबर 1981 के एक आदेश की भी अनुचित और अवैधानिक व्याख्या का दुरुपयोग करते हुये इस काम को अंजाम दिया जो एक गंभीर अपराध है, क्योंकि तहसीलदार न्यायालय को यह अधिकार न होकर प्रकरण लैण्ड रेवेन्यू कोड की धारा-57(2) के तहत यह अधिकार उपखंड अधिकारी एस.डी.ओ. को प्रदत्त है? इस नामांतरण के बाद माधवीराजे सिंधिया ने अपने पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया व पुत्री चित्रांगदाराजे की सहमति के साथ इस भूमि का विक्रय कर दिया.

यहां यह उल्लेखनीय है कि महाराजा ग्वालियर की ओर से उक्त सर्वे नं. के संबंध में यह बताया गया है कि यह भूमि उनकी व्यक्तिगत संपत्ति है. हकीकत यह है कि भारत सरकार से हुये समझौते के अनुसार महाराजा ग्वालियर की जो व्यक्तिगत पूर्ण स्वामित्व व उपयोग की जो संपत्ति थी, जिसकी चार सूचियां प्रकाशित हुई उसके अनुसार उस सूची क्र. 4 के अनुक्रम 28 पर इस भूमि का विवरण के रूप में दर्ज और महलगांव के सर्वे क्र. 916 में स्थित है.

वर्ष 1992-93 में सर्वे क्र.-916 शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है तथा खाता नं. 12 कैफियत में कुत्ता समाधि दर्ज है इसका कब्जा पी.डब्ल्यू.डी. के अधीक्षण यंत्री के आदेश पर कार्यपालक अभियंता पी.डब्ल्यू.डी. ने ले लिया था.

माधवीराजे सिंधिया ने उच्च न्यायालय, ग्वालियर द्वारा पारित जिस उक्त प्रकरण क्रमांक का उल्लेख विक्रय पत्र में किया है जिसमें यह बताया गया है कि इसी आदेश के आधार पर सर्वे क्र.-916 हमें प्राप्त हुआ है, जो पूर्णत: गलत है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने अपने प्रकरण में इस सर्वे नं. का कोई उल्लेख ही नहीं किया है! यह एक गंभीर किस्म की धोखाधड़ी भी है, यहीं नहीं यहां यह स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि माधवराव सिंधिया के स्वर्गवासी होने के पश्चात उनके वारिसान का नामांतरण भी वैधानिक रूप से नहीं किया गया है.

Web Title: Madhya Pradesh congress attack bjp mp Jyotiraditya Scindia family land dog

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