मध्य प्रदेश के सबसे विजनरी सीएम डॉ. मोहन यादव?,  1:48 घंटे नॉनस्टॉप सुनने के बाद हर कोई बोल उठा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 19, 2025 05:58 IST2025-12-19T05:57:32+5:302025-12-19T05:58:42+5:30

विधानसभा में नॉनस्टॉप 1:48 घंटे बोले तो हर किसी को कहना पड़ा, यह मध्य प्रदेश के सबसे विजनरी सीएम हैं।

madhya pradesh cm Dr Mohan Yadav most visionary CM After listening 1-48 hours nonstop, everyone started saying | मध्य प्रदेश के सबसे विजनरी सीएम डॉ. मोहन यादव?,  1:48 घंटे नॉनस्टॉप सुनने के बाद हर कोई बोल उठा...

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Highlightsकिसानों के हित में संचालित योजनाएं एवं भावांतर योजना।लाड़ली बहना योजना की राशि में वृद्धि जैसे कदमों का जिक्र किया। बेबाक अंदाज में इन सभी क्षेत्रों में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। 

भोपालः वह वर्ल्ड कप वाला कपिल देव आपको याद होगा। जब पूरी टीम ने कपिल से कहा कि जो लोग हमारी जीत पर सवाल उठा रहे हैं प्रेस कांफ्रेंस करके उनको जवाब देना चाहिए। तब कपिल देव ने उदाहरण सहित टीम को समझाया था कि, मैं बयान नहीं दूंगा लेकिन काम ऐसा करेंगे कि सबको उनका जवाब मिल जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में कुछ ऐसा ही कर दिखाया। जब विकसित मध्य प्रदेश के विजन पर वह विधानसभा में नॉनस्टॉप 1:48 घंटे बोले तो हर किसी को कहना पड़ा, यह मध्य प्रदेश के सबसे विजनरी सीएम हैं।

मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र 12:45 घंटे लगातार चलता रहा

दिनांक 17 दिसंबर 2025, मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक दिन था जिसे आने वाले कई सालों तक याद रखा जाएगा। मध्य प्रदेश की विधानसभा अपने 70वें में साल में प्रवेश कर रही थी। 7 दिसंबर 1956 को मध्य प्रदेश विधानसभा का पहला अधिवेशन हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस दिन विशेष सत्र का आयोजन किया।

पक्ष विपक्ष के सभी विधायकों को विकसित मध्य प्रदेश पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया। विधानसभा का यह अधिवेशन (अष्टम सत्र) सुबह 11:00 बजे से शुरू हुआ और लगातार रात 11:45 बजे तक चला। इस दौरान लंच तक नहीं हुआ। "भविष्य का मध्य प्रदेश" विषय पर बोलने के लिए सबको अवसर दिया गया परंतु विपक्ष अपनी आदत के अनुसार सिर्फ प्रश्न खड़े करता रहा।

जब मोहन बोले तो सदन 2 घंटे तक चुपचाप सुनता रहा, विपक्ष भी मंत्रमुग्ध हो गया

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सभी वाक्य को ध्यानपूर्वक सुना और जब उनकी बारी आई तो नॉनस्टॉप 1:48 घंटे तक, सिर्फ विकसित मध्य प्रदेश विषय पर बोलते रहे। पूरा सदन यह देखकर हतप्रभ था। डॉ मोहन यादव को न केवल मध्य प्रदेश का पौराणिक इतिहास पता था बल्कि उनके पास एक क्लियर कट विजन था। वह मध्य प्रदेश के हर विषय पर बताते चले जा रहे थे कि उनकी योजनाएं क्या है।

भविष्य का मध्य प्रदेश कैसा होगा। न केवल महिला और किसान, औद्योगिकरण और रोजगार बल्कि बड़े ही स्पष्ट शब्दों में यह भी बता रहे थे कि विकसित मध्य प्रदेश में अत्याधुनिक संसाधन, मेट्रोपॉलिटन सिटी और विकसित विलेज के साथ पर्यावरण, प्राकृतिक जल संरचना और वन्य प्राणियों का किस प्रकार से संरक्षण होगा।

मध्य प्रदेश का फॉरेस्ट तो दुनिया भर के टूरिस्ट को आकर्षित करता ही है। डॉ मोहन यादव ने धार्मिक पर्यटन के साथ मेडिकल टूरिज्म को भी विकसित मध्य प्रदेश के टारगेट में शामिल किया। सांदीपनी स्कूल, केवल एक अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर वाली बिल्डिंग नहीं होगी बल्कि यहां अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर डाटा साइंस तक, खिलाड़ी, कलाकार और साहित्यकार से लेकर देश को दिशा देने वाले प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिज्ञ तक सबको तैयार किया जाएगा। यहां के विद्यार्थी केवल हवाई जहाज में बैठकर सफर नहीं करेंगे बल्कि पायलट भी बनेंगे।

छोटे से स्टार्टअप से लेकर एविएशन कंपनी तक, हर विद्यार्थी को उसकी क्षमता के अनुसार कॉन्फिडेंस दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस दौरान विपक्ष के सभी सवालों का बिल्कुल स्पष्ट और तथ्यपूर्ण जवाब भी दिया। उन्होंने सदन के पटल पर अपना विजन डॉक्यूमेंट रखा। डॉ मोहन यादव ने बताया कि किस प्रकार मध्य प्रदेश वर्ल्ड क्लास डेवलपमेंट की दिशा में आगे बढ़ेगा।

सीएम ने सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए: 

नई बसों का संचालन, 
किसानों के हित में संचालित योजनाएं एवं भावांतर योजना, 
पर्यटन क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ प्रगति, 
वन्यजीव संरक्षण (चीता परियोजना सहित), 
सिंचाई क्षेत्रफल में अभूतपूर्व वृद्धि, 
युवाओं को सरकारी नौकरियां, 
लाड़ली बहना योजना की राशि में वृद्धि जैसे कदमों का जिक्र किया। 
उन्होंने बेबाक अंदाज में इन सभी क्षेत्रों में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। 

किसानों के मुद्दों पर अलग से विशेष सत्र की घोषणा 

सत्र की सबसे सराहनीय बात यह रही कि मुख्यमंत्री ने किसानों के मुद्दों पर अलग से विशेष सत्र आयोजित करने की घोषणा की, जिससे सदन में उपस्थित सभी सदस्यों ने सहमति और प्रशंसा व्यक्त की। यह विशेष सत्र न केवल लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बना, बल्कि यह भी साबित किया कि सकारात्मक सोच और आपसी परामर्श से मध्य प्रदेश तेजी से विकास के नए आयाम छू सकता है। डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में सदन ने एक स्वर में प्रदेश को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को दोहराया।

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