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मध्य प्रदेश: सीएम चौहान ने उज्जैन वासियों से प्रतिष्ठानों पर हिंदी नाम के संकल्प का आग्रह किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 3, 2022 20:37 IST

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें एक नया संकल्प लेना पड़ेगा। शहर में जितने भी होटल बने हैं, सबके नाम अंग्रेजी में लिखे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि सभी होटल्स के नाम हिन्दी में लिखे जाएं।

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उज्जैन: नगर गौरव दिवस पर रात्रि में शिप्रा नदी के मध्य में बने मंच पर कैलाश खैर की संगीत निशा का आयोजन किया गया। इस दौरान जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने उज्जैन वासियों से प्रतिष्ठानों पर हिंदी नाम के संकल्प का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्कंद पुराण के अवंति खंड के अनुसार भगवान शिव अवंतिका में महाकाल वन में अधिष्ठित हैं। महाकाल वन प्रोजेक्ट में मन्दिरों की छटा को बढ़ाया जा रहा है। उज्जैन का सांस्कृतिक पुनर्रूत्थान होगा, विकास का नया इतिहास रचा जायेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें एक नया संकल्प लेना पड़ेगा। शहर में जितने भी होटल बने हैं, सबके नाम अंग्रेजी में लिखे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि सभी होटल्स के नाम हिन्दी में लिखे जाएं। निज भाषा की उन्नति से ही हमारा शैक्षणिक पुरूत्थान होगा। उज्जैन में मेडिकल कॉलेज आ रहा है। मेडिकल डिवाइस पार्क विक्रम उद्योगपुरी में आ रहा है। कर्नाटक एंटीबायोटिक नामक उद्योग भी उज्जैन में लगाया जा रहा है। इससे अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा। उज्जैन का औद्योगिक पुनर्रूत्थान भी होगा। 

सीएम ने कहा कि आज उज्जयिनी का जन्म उत्सव है। अवन्तिका नगरी तीन लोक से न्यारी, देखो कितनी प्यारी है। यहां का शुद्ध एवं सात्विक वातावरण सबका मन मोहता है। अदभुत दिन है आज गुड़ी पड़वा इस दिन विक्रम संवत का प्रारम्भ हुआ। आज विक्रम उत्सव भी हो रहा है। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है। विक्रम संवत ईस्वी सन से 57 वर्ष पुराना है। सनातन नया वर्ष आज प्रारम्भ हो रहा है और इसी दिन 2005 से हमने विक्रमोत्सव मनाना शुरू किया था। 

सीएम ने कहा, आज ही के दिन अवन्तिका का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। इसी दिन सृष्टि की रचना हुई थी। सृष्टि को आरम्भ हुए एक अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 वर्ष हो गये हैं। उज्जैन कालगणना की नगरी है। उज्जैन का गौरव सबको गौरवान्वित करता है। उज्जैन की अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है जो युगों से पल्लवित होती रही है। सृष्टि के आरम्भ से ही उज्जयिनी का अस्तित्व माना जाता है। युग बदलते गये और उज्जैन को कभी उज्जयिनी, अवन्तिका, कनकश्रृंगा आदि नामों से जाना जाता रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सृष्टि के प्रत्येक कल्प में उज्जयिनी का अस्तित्व रहा है। स्कंद पुराण में उज्जयिनी के 6 कल्पों के 6 नाम दिए गए हैं जो कल्पवार क्रमशः कनकश्रृंगा, कुशस्थली, अवंतिका, अमरावती, चूड़ामणि एवं पद्मावती है। इसीलिए उज्जैन को प्रतिकल्पा भी कहा गया है। अन्य ग्रंथों में उज्जयिनी को भोगवती, हिरण्यवती, विशाला आदि नामों से भी संबोधित किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उज्जैन के गौरव दिवस के अवसर पर आवाह्न करता हूं कि उज्जैन से भिक्षावृत्ति को पूरी तरह मिटा दिया जाए। बच्चों के नशे की आदत छुड़ाने के लिये उज्जैन जिले के कलेक्टर ने बहुत मेहनत की है। बच्चे भीख न मांगे, उनकी शिक्षा व भोजन की व्यवस्था की जाये। शहर में एक ऐसा केन्द्र बनाकर दें, जहां भण्डारा निरन्तर चलता रहे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में दो-चार स्थान पर आनन्दक केन्द्र बनाये जायें, जहां पर लोग अपनी अनुपयोगी वस्तुओं को देने और जरूरतमंद लोग सामग्री प्राप्त करने का आनन्द ले सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब के बच्चों की पढ़ाई के लिये मैं एक संकल्प लेता हूं। ऐसे बच्चों का प्रवेश शुल्क एवं सम्पूर्ण शिक्षा के लिये फीस मामा भरेगा। 

मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव एवं विधायक पारस जैन ने बोट में बैठकर शिप्रा नदी में चक्कर लगाया एवं लोगों का अभिवादन किया। इसके बाद कैलाश खेर के मंच पर जाकर "स्वामी देना साथ हमारा" गीत में सुर से सुर मिलाया।

टॅग्स :शिवराज सिंह चौहानMadhya Pradeshउज्जैन
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