मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सतना टेरर फंडिंग मामले में पकड़ाए आरोपियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने इस मामले में अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट पुलिस अधिकारियों से मांगी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सतना टेरर फंडिंग मामले को लेकर उनके द्वारा दिए आदेश के बाद अब तक क्या कार्रवाई की गई है, इसकी रिपोर्ट आला अधिकारियों से मांगी है.
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से जानकारी मांगी है कि इस अपराध में 2 वर्ष पूर्व पकड़ाए आरोपियों की जमानत होने और जमानत निरस्त को लेकर तत्कालीन सरकार ने क्या फैसले लिए, आरोपियों की निगरानी की क्या व्यवस्था रही इसकी भी रिपोर्ट उन्हें दी जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने संगीन अपराध में पकड़ाए गए आरोपी की जमानत होने के बाद वापस से उनका इसी अपराध में पकड़े जाना गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर पूर्व में ही अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने आला पुलिस अधिकारियों से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश होना चाहिए और मध्यप्रदेश की धरती पर इस तरह का देशद्रोही कार्य करने वाले रैकेट नेस्तानाबूद किए जाने चाहिए.
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों बजरंग दल के पूर्व नेता बलराम सिंह और तीन अन्य को सतना जिले से रात में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें टेरर फंडिंग और खुफिया जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाने के आरोप में पकड़ा गया है. इन आरोपियों को 26 अगस्त तक एटीएस ने हिरासत में लिया है. इससे पहले बलराम और भाजपा कार्यकर्ता ध्रुव सक्सेना फरवरी 2017 में मध्यप्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आए थे.
उन्हें पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में पकड़ा गया था. इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से ध्रुव और बलराम सहित 13 आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. इसके बाद से मामले ठंडे में पड़ गया था. अब फिर बलराम की गिरफ्तारी के बाद इसे लेकर सरकार सख्त हुई है और सियासत भी गर्मा गई है. इस पूरे मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों आमने-सामने है.