मध्य प्रदेश में सीएम ऑर्डरः शासकीय कर्मचारी, अधिकारी दफ्तरों में नहीं पहन सकेंगे जीन्स, टी शर्ट
By शिवअनुराग पटैरया | Published: July 31, 2020 06:00 PM2020-07-31T18:00:17+5:302020-07-31T18:00:17+5:30
राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य के ग्वालियर संभाग के आयुक्त एमबी ओझा ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी कर कहा कि वे गरिमापूर्ण ड्रेस पहने.
भोपालः मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारी और अधिकारी जीन्स और टी शर्ट पहनकर दफ्तर नहीं जा सकेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी वीडियों कांफ्रेंसिंग में टीशर्ट पहनकर आए एक अधिकारी को लेकर नाराजगी जताई थी.
इसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य के ग्वालियर संभाग के आयुक्त एमबी ओझा ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी कर कहा कि वे गरिमापूर्ण ड्रेस पहने. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 जुलाई को इस आशय के निर्देश वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिए थे. वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मंदसौर जिले के वन मण्डलाधिकारी द्वारा टीशर्ट पहनकर शामिल हुए थे. इस पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने भी नाराजगी जताई थी.
मुख्यमंत्री के निदेर्शों का पालन करते हुए अब ग्वालियर संभाग आयुक्त एमबी ओझा ने संभाग के सभी संभागीय अधिकारियों एवं जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि शासन के निर्देशानुसार आपके अधीनस्थ सभी शासकीय सेवकों को गरिमापूर्ण, शालीन एवं औपचारिक परिधान पहनकर शासकीय कार्यालय में दायित्व निर्वहन किए जाने हेतु पाबंद करना सुनिश्चित करें.
निर्देशों की अवहेलना करते पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. संभाग आयुक्त ओझा ने संभाग के सभी संभागीय अधिकारियों एवं जिला कलेक्टरों को भेजे गए पत्र में निर्देश दिए हैं कि शासन के निदेर्शानुसार सभी शासकीय कार्यालयों में शासकीय सेवक गरिमापूर्ण शालीन एवं औपचारिक परिधान पहनकर ही अपने दायित्वों का निर्वहन किए जाने हेतु पाबंद करना सुनिश्चित करें. निदेर्शों की अवहेलना करते पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु सक्षम अधिकारी को प्रस्ताव भेजे जाएं.
अपर कलेक्टर भी पहने हुए थे फैटेड जीन्स
ग्वालियर संभागायुक्त ओझा ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि उनके द्वारा अशोकनगर जिले के भ्रमण के दौरान अपर कलेक्टर जैसे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बैठक में फैटेड जीन्स पहनकर उपस्थित होना उक्त कृत्य शासकीय सेवक के पद की गरिमा के विपरीत होकर अमर्यादित आचरण की ओर इंगित करता है, जो उचित नहीं है.