MP: किसान आंदोलन में 15 जिलों में हुई थी गिरफ्तारियां, किसानों के शरीर से निकली थी गोलियां

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 22, 2019 08:09 PM2019-07-22T20:09:29+5:302019-07-22T20:09:29+5:30

गृह मंत्री ने बताया कि जून 2017 में किसान आंदोलन में मंदसौर में 6 जून 2017 को हुए गोली चालन में मृतकों के पोस्टमार्टम की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई गई थी. 

Madhya pradesh: 2017 farmer agitation 15 districts mp police | MP: किसान आंदोलन में 15 जिलों में हुई थी गिरफ्तारियां, किसानों के शरीर से निकली थी गोलियां

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मध्यप्रदेश में हुए किसान आंदोलन के दौरान 15 जिलों में गिरफ्तारियां हुई थी. सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां देवास जिले में हुई थी. किसान आंदोलन के दौरान मृतकों के शरीर से गोलियां निकली थी, जिनकी जांच सागर स्थित एफएसल में कराई जा रही है.

यह जानकारी सोमवार राज्य विधानसभा में गृह मंत्री बाला बच्चन ने कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के प्रश्न के लिखित जवाब में दी. गृह मंत्री ने बताया कि जून 2017 में किसान आंदोलन में मंदसौर में 6 जून 2017 को हुए गोली चालन में मृतकों के पोस्टमार्टम की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई थी. 

पोस्टमार्टम के दौरान मृतकों के शरीर से पायी गई बंदूक की गोलियों की जांच सागर स्थित एफएसएल में कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि मंदसौर के बड़वन ग्राम में 8-9 जून 2017 को घनश्याम धाकड़ की मृत्यु की जांच प्रक्रिया चल रही है. गृह मंत्री ने बताया कि किसान आंदोलन राज्य के 20 जिलों में हुआ था, जिसमें से 15 जिलों में गिरफ्तारियां हुई थी और गिरफ्तार किए गए लोगों को जमानत पर छोड़ा गया था.

गृह मंत्री ने बताया कि राज्य के देवास जिले में 516, रतलाम जिले में 216, धार जिले में 462, मंदसौर जिले में 143, उज्जैन जिले में 124, इंदौर जिले में 105, भोपाल जिले में 90, नीमच जिले में 77, शाजापुर जिले में 69, राजगढ़ जिले में 32, सीहोर जिले में 42, बड़वानी जिले में 19, नरसिंहपुर जिले में 10, होशंगाबाद जिले में 9, सागर जिले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन सभी को जमानत पर छोड़ा गया था.

व्यापमं में 3063 गिरफ्तारियां

गृह मंत्री बाला बच्चन ने विधायक हर्ष विजय गहलोत के प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि व्यापमं मामले में 212 प्रकरणों में सीबीआई को सुपुर्द किए जाने के पहले 4046 आरोपी थी. इनमें से 3063 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी थी. शेष 983 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी, इनमें 27 मृत और शेष 956 आरोपी थे. गृह मंत्री ने बताया कि 212 प्रकरण में से 13 जुलाई 2015 के पहले 5 प्रकरणों में न्यायालय में फैसला आ चुका था. 

एसटीएफ द्वारा 2006 से लेकर 2013 तक शासकीय और निजी मेडिकल की चयन पीएमटी से संबंधित 2 आपराधिक प्रकरणों में 186 अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया था. डीमेट से संबंधित एसटीएफ में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया. गृह मंत्री ने बताया कि पीएमटी 2006 से 2013 में आरोपी बनाए गए परीक्षार्थी की सूची एसटीएफ ने पहले व्यापमं को नहीं भेजी थी, परंतु व्यापमं से पीएमटी परीक्षा 2012 में हुए फर्जीवाड़ा की जानकारी चाहे जाने पर व्यापमं के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही की गई थी.उन्होंने बताया कि पीएमटी परीक्षा 2012 की जांच कर गृह विभाग को ना भेजते हुए सीधे एसटीएफ को प्रतिवेदन भेजा था, इस पर से पुलिस प्रकरण दर्ज किया ग्या था.

नहीं मिला गुमनाम पत्र

विधायक प्रताप सिंह गे्रवाल के प्रश्न के लिखित जवाब में गृह मंत्री बाला बच्चन ने बताया कि 20 जून 2013 को गुप्तचर शाखा इंदौर की पीएमटी परीक्षा 2013 में फर्जीवाड़े होने के संदर्भ में कोई गुमनाम पत्र नहीं मिला था. ग्रेवाल ने जानना चाहा कि क्या विभाग द्वारा इस पत्र की जानकारी तत्कालीन मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) को दी गई थी. उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि क्या वह पत्र सीबीआई के पास है या फिर एसटीएफ के पास. इसके जवाब में गृह मंत्री ने बताया कि ऐसा कोई गुमनाम पत्र नहीं मिला है.

परिवहन मैपिंग में कोई दोषी नहीं

विधायक रामकिशोर कावरे के प्रश्न के लिखित जवाब में किसान कल्याण मंत्री सचिन यादव ने बताया कि बालाघाट जिले की परिवहन मैपिंग का कार्य जिला उपार्जन समिति द्वारा किया जाता है. परिवहन मैपिंग में कोई भी दोषी नहीं है. उन्होंने बताया कि परिवहन मैपिंग का मापदंड न्यूनतम दूरी के आधार पर किए जाने का है. उपार्जन केन्द्रों से भंडारण, गोदाम/ कैंप की मैपिंग मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए गोदामों में जिला उपार्जन समिति द्वारा मैपिंग की जाती है.

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