पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत का जटिल युद्धाभ्यास परीक्षण शुरू, जानें इसकी खास बातें
By रुस्तम राणा | Published: January 9, 2022 08:32 PM2022-01-09T20:32:35+5:302022-01-09T20:32:35+5:30
नई दिल्ली: पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत का समुद्र में जटिल परीक्षण शुरू हो चुका है। विक्रांत रविवार को महत्वपूर्ण समुद्री परीक्षणों के लिए रवाना हुआ। इस साल भारतीय नौसेना के बेड़े में इसे शामिल किया जाएगा। यह देश में बनने वाला सबसे बड़ा युद्धपोत है। अगस्त 2021 के बाद से यह इसका तीसरा ट्रायल है।
इस बारे में नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा, 'आईएसी अब जटिल युद्धाभ्यास करने के लिए रवाना हुआ है, ताकि विशिष्ट रीडिंग स्थापित की जा सके कि पोत विभिन्न परिस्थितियों में कैसा प्रदर्शन करता है।' उन्होंने कहा कि इस दौरान जहाज के विभिन्न सेंसर सूट का भी परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ''दो हफ्ते से भी कम समय के भीतर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की लगातार दो हाई प्रोफाइल यात्राओं के बाद, आईएसी विक्रांत का अगले सेट का समुद्री परीक्षण किया जा रहा है।' बता दें कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू हाल ही में कोच्चि में इस युद्धपोत को देखने गये थे।
#HarKaamDeshKeNaam
— PRO Defence Kochi (@DefencePROkochi) January 9, 2022
After 2 successive visits by The President @rashtrapatibhvn & The Vice President @VPSecretariat of #India within a span of less than 2 weeks,IAC #Vikrant is now heading out for the next set of SeaTrials(1/3)@PMOIndia@rajnathsingh@indiannavy@AjaybhattBJP4UKpic.twitter.com/7ultrknnke
आपको बता दें कि विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर आत्मनिर्भर भारत की नई पहचान है क्योंकि इसे पूरी तरह से देश में ही बनाया गया है। तकनीक से लेकर इसके कलपुर्जे, यहां तक कि जहाज में इस्तेमाल होने वाला स्टील भी भारत में ही बना है।
यदि इसमें लागत की बात करें तो इस युद्धपोत का निर्माण लगभग 23,000 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है और इसके निर्माण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट बनाने की क्षमता है।