लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार, CWC की बैठक में राहुल गांधी देंगें इस्तीफा!
By शीलेष शर्मा | Published: May 24, 2019 09:41 AM2019-05-24T09:41:37+5:302019-05-24T09:41:37+5:30
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से परामर्श कर अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जताई है. जिस पर पार्टी की कार्यसमिति कोई फैसला करेगी. राहुल से जब इस बावत पूछा गया तो राहुल ने साफ किया कि यह मुद्दा उनके और कार्यसमिति के बीच है जिस पर कार्यसमिति को फैसला लेना है.
चुनाव परिणामों के बाद गहरे सदमे में आर्इं कांग्रेस यह नहीं समझ पा रही है कि उसकी शर्मनाक पराजय का क्या कारण है. पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज जनादेश के दिन उन कारणों पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया यह कहते हुए कि आज जनादेश आया है और मैं जनता के फैसले को स्वीकार करता हूं तथा इस हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं.
उन्होंने कहा कि चूंकि आज ही फैसला आया है अत: हम किसी मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से परामर्श कर अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जताई है. जिस पर पार्टी की कार्यसमिति कोई फैसला करेगी. राहुल से जब इस बावत पूछा गया तो राहुल ने साफ किया कि यह मुद्दा उनके और कार्यसमिति के बीच है जिस पर कार्यसमिति को फैसला लेना है. हालांकि पार्टी ने अभी औपचारिक रुप से इस बात का खंडन किया है कि राहुल ने कोई इस्तीफा दिया है.
सूत्र बताते है कि बहुत जल्दी पार्टी की कार्यसमिति की बैठक बुलाई जा रही है जिसमें हार के कारणों के साथ-साथ राहुल गांधी की पेशकश पर कोई फैसला होगा. अभी तक प्राप्त संकेतों के अनुसार कार्यसमिति राहुल गांधी की पेशकश को ठुकराएगी और उन्हें बतौर पार्टी का अध्यक्ष कार्य करते रहने की सलाह देगी.
राहुल ने याद दिलाया कि प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि जनता मालिक है, जनता ने अपना आदेश सुना दिया है मैं प्रधानमंत्री मोदी को उनकी जीत पर बधाई देता हूं लेकिन यह साफ करना चाहूंगा कि यह विचारधारा की लड़ाई है, दो अलग-अलग सोच और दृष्टि है जिस पर हमारी लड़ाई जारी रहेगी, हम लड़ेगें और जीत कर दिखाएगें.
राहुल ने अमेठी के पूर्ण परिणाम आने से पहले ही अपनी पराजय स्वीकार करते हुए अपनी प्रतिद्धंद्धी स्मृति ईरानी को बधाई दी और सलाह दी कि वह प्यार से अमेठी का ध्यान रखें.
चुनाव मैदान में उतरे पार्टी के प्रत्याशियों और पार्टी कार्यक़र्ताओं को भी राहुल ने धैर्य रखने और संघर्ष जारी रखने की सलाह देते हुए कहा कि यह लंबा प्रचार अभियान था. इस अभियान के दौरान मुझे अनेक बार गैर संसदीय शब्दों से नवाजा गया, मेरे ऊपर हमले किए गए लेकिन मैंने प्यार से उत्तर दिए और उसी प्यार से उत्तर दूंगा क्योंकि प्यार कभी हारता नहीं.
संवाददाता सम्मेलन में पहुंचे राहुल के चेहरे पर पराजय की झलक साफ नजर आ रही थी, वे हताशा से भरे हुए थे और नहीं समझ पा रहे थे कि मीडिया के सवालों का वह क्या जवाब दें. बहुत से सवालों पर मन मसोसते हुए उन्होंने जवाब देने से इंकार कर दिया लेकिन यह संकेत दिये कि वे हार के कारणों का ब्यौरेवार उत्तर कुछ समय के बाद देगें.