Lokmat Parliamentary Awards: राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने लोकमत के संस्थापक व स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल दर्डा को किया याद
By अनिल शर्मा | Published: March 14, 2023 05:57 PM2023-03-14T17:57:29+5:302023-04-28T14:30:24+5:30
Lokmat Parliamentary Awards 2022: शरद पवार ने कहा कि इस देश की एक खासियत है कि आजादी के बाद, देश चलाने की जो अंतःप्रेरणा है, इसमें संसद का बहुत बड़ा योगदान है। संसद के योगदान की बात जब मैं कहता हूं तो कई हजारों मेरे साथियों या मेरे पुराने नेता हों, उन्होंने संसद के माध्यम से इस देश की सेवा की।
Lokmat Parliamentary Awards 2022: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित लोकमत पार्लियाेंट्री अवार्ड्स के चौथे संस्करण के कार्यक्रम में लोकमत के संस्थापक व स्वतंत्रता सेनानी जवाहरलाल दर्डा को याद किया। उन्होंने कहा कि लोकमत बहुत पुराना अखबार है। हिंदी में है, अंग्रेजी में है और मराठी में है। कहीं भी आप जाएंगे, लोकमत को देखने का मौका मिलेगा। जवाहरलाल दर्डा जी ने इसकी शुरुआत की थी।
शरद पवार ने आगे कहा कि जवाहर लाल दर्डा जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे। आजादी हासिल होने के बाद आजादी लोगों के जीवन में दिखने और दिखाने के लिए कुछ मेहनत करने की आवश्यकता है, ये विचारधारा बाबूजी (जवाहरलाल दर्डा) की होती थी। वे एक अच्छे पत्रकार भी थे।
शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी की मौजूदगी में कहा कि पिछले कुछ सालों में संसद में अच्छी तरह से काम करने वाले कुछ साथियों को पहचान/मान्यता देने का काम लोकमत के माध्यम से होता है।
बकौल शरद पवार- इस देश की एक खासियत है कि आजादी के बाद, देश चलाने की जो अंतःप्रेरणा है, इसमें संसद का बहुत बड़ा योगदान है। संसद के योगदान की बात जब मैं कहता हूं तो कई हजारों मेरे साथियों या मेरे पुराने नेता हों, उन्होंने संसद के माध्यम से इस देश की सेवा की। संसद के माध्यम से सेवा करते हुए संसद की गरीमा कैसे रख सकते हैं, इसपर भी उन्होंने बहुत ध्यान दिया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सांसद शरद पवार ने आगे कहा कि देश में विधानपरिषद हो या जिलापरिषद हो या महानगर पालिका हो, जब वहां कुछ समस्या पैदा होती है तो उसका फैसला संसद ही ले तो देखा जाता है कि ऐसी स्थिति में संसद ने क्या किया था। राज्यसभा और लोकसभा ने क्या किया था। और सांसदों ने किस तरह की विचारधार रखी थी। और नीचे की संस्था चलाने के लिए एकतरह की मार्गदर्शक होती है।
शरद पवार ने कहा, देश के लोगों को हमेशा संसद के प्रति आस्था रहनी चाहिए। संसद की भी लोगों को गरिमा बनाकर रखनी चाहिए। और ये करना हो तो इस क्षेत्र में जिन्होंने अच्छा काम किया है, जिन्होंने योगदान दिया, उनका सम्मान करने की आवश्यकता है और ये काम लोकमत कई सालों से कर रहा है।
गौरतलब है कि यह भव्य समारोह दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। शरद पवार के अलावा केंद्रीय लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग मंत्री नारायण राणे, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी आदि नेता मौजूद रहे।