उत्तर प्रदेश सहित देश भर में भाजपा विधायकों का भविष्य लोकसभा चुनाव के नतीजों से तय होगा. चुनाव परिणाम के बाद यह आकलन किया जाएगा कि उनके इलाके में भाजपा को कितने वोट हासिल हुए हैं. रिजल्ट पहले से खराब हुआ तो इसे एक नकारात्मक बिंदु के तौर पर देखा जाएगा. भविष्य में विधायकों के टिकट तय करते समय इस पर भी ध्यान दिया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के कई लोकसभा उम्मीदवारों ने यह शिकायत की थी कि उनके क्षेत्र में स्थानीय विधायक काम नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह यह भी है कि कई जगह पर विधायक स्वयं उम्मीदवारी जता रहे थे और टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं.वहीं, उप्र और बिहार में कई जगह यह शिकायत भी सामने आई कि अपनी जाति के उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलने से वह असंतुष्ट हैं. इसी के चलते भाजपा ने अपने विधायकों को हिदायत दी है.विधायकों को निर्देश एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि अगर भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार को किसी भाजपा विधायक के क्षेत्र में उसे विधानसभा चुनाव में मिले वोट से कम मत हासिल होते हैं तो इसके दो मतलब हो सकते हैं. एक, उसकी लोकप्रियता कम हुई है. दूसरा उसने मन से पार्टी के उम्मीदवार के लिए काम नहीं किया है. ऐसे में सभी विधायकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के लोकसभा उम्मीदवार को जिताने में पूरी तरह से जुट जाएं.