लोकसभा चुनावः राहुल गांधी छोड़ें अध्यक्ष पद, सचिन पायलट को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 27, 2019 04:05 AM2019-05-27T04:05:59+5:302019-05-27T04:05:59+5:30

नरेन्द्र मोदी और अमित शाह भी लगातार राहुल गांधी पर इसीलिए निशाना साधते रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि राहुल गांधी के हटने के बाद कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है.

Lok Sabha elections: Rahul Gandhi should step down as president, instead should Sachin Pilot be appointed as the executive president? | लोकसभा चुनावः राहुल गांधी छोड़ें अध्यक्ष पद, सचिन पायलट को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए!

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को यदि कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए तो कांग्रेस के लिए बेहतर संभावनाएं बन सकती हैं.

Highlightsइस चुनाव में देश ने दिखा दिया है कि क्षेत्रीय दलों के नेताओं के लिए प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं अब बची नहीं हैंराहुल गांधी को अमित शाह जैसे अच्छे सहयोगी की जरूरत है.

लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं हैं, लेकिन गहराई से देखें तो ये नतीजे साबित करते हैं कि देश में बीजेपी के अलावा केवल कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो सियासी तस्वीर बदलने पर केन्द्र में सरकार बना सकती है.

ऐसे नतीजों के बाद राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़े हैं, किन्तु राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह निर्णय विरोधियों की राह ही आसान करेगा, क्योंकि सारी कांग्रेस केवल राहुल गांधी के नाम पर एकमत है, कोई और नेता न तो उस स्तर पर सर्वत्र स्वीकार्य है, न लोकप्रिय है और न ही सक्रिय है. इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने पूरे देश में कांग्रेस के लिए पसीना बहाया था.

उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह भी लगातार राहुल गांधी पर इसीलिए निशाना साधते रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि राहुल गांधी के हटने के बाद कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है.

याद रहे, इंदिरा गांधी से अलग हो कर देवराज उर्स के नेतृत्व में उर्स कांग्रेस का गठन हुआ था जिससे देश के कई बड़े कांग्रेसी नेता जुड़ गए थे, लेकिन किसी भी नेता में इंदिरा गांधी की तरह पूरे देश में सक्रिय रहने की क्षमता और इच्छाशक्ति नहीं थी, जिसके नतीजे में धीरे-धीरे सारे नेता कांग्रेस आई में आते चले गए.

इस चुनाव में देश ने दिखा दिया है कि क्षेत्रीय दलों के नेताओं के लिए प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं अब बची नहीं हैं. वैसे भी कांग्रेस के अलावा कोई ऐसा गैर-भाजपाई दल नहीं है जो लोकसभा में पचास से ज्यादा सीटें जीत सके. यही नहीं, अभी भी सौ से ज्यादा ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही है, अर्थात- राजनीतिक बदलाव हुआ तो कांग्रेस ही फिर से बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आ सकती है. लेकिन, इन परिणामों के बाद राहुल गांधी उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिस दिशा में विरोधी ले जाना चाह रहे हैं.

राजनीतिक जानकारों का सोचना है कि राहुल गांधी को अमित शाह जैसे अच्छे सहयोगी की जरूरत है. इस लिहाज से राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को यदि कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए तो कांग्रेस के लिए बेहतर संभावनाएं बन सकती हैं.

सचिन पायलट ने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ लगातार सियासी संघर्ष किया था. इतना ही नहीं, इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान भी पायलट ने राजस्थान ही नहीं, एमपी, पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में भी सक्रिय चुनाव प्रचार किया था.

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