लोकसभा चुनावः इनके गुजरने के बाद बदल गई है तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर, क्या बीजेपी के सियासी सपने साकार होंगे?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: March 12, 2019 05:46 PM2019-03-12T17:46:21+5:302019-03-12T17:46:21+5:30

2019 के लोकसभा चुनाव की तस्वीर तो साफ हो गई कि कौन, किसके साथ खड़ा है, किन्तु इस बार के लोस चुनाव के नतीजे क्या रहेंगे, यह कहना इसलिए मुश्किल है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि के गुजर जाने के बाद तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है.

Lok Sabha elections: After his passing, Tamil Nadu's political picture has changed, will the political dreams of the BJP be realized? | लोकसभा चुनावः इनके गुजरने के बाद बदल गई है तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर, क्या बीजेपी के सियासी सपने साकार होंगे?

लोकसभा चुनावः इनके गुजरने के बाद बदल गई है तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर, क्या बीजेपी के सियासी सपने साकार होंगे?

केन्द्र की सत्ता में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और इस बार भी रहेगी, लेकिन प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि के गुजर जाने के बाद तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है, लिहाजा बड़ा सवाल यही है कि- क्या बीजेपी के सियासी सपने साकार होंगे?

बीजेपी लंबे समय से तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत में अपना आधार बढ़ाने के साथ-साथ सशक्त सियासी समर्थक दलों की तलाश में थी. पीएम मोदी, जयललिता के निधन के बाद बिखरती जा रही एआईएडीएमके को एक करने और सत्ता में बनाए रखने के लिए मार्गदर्शक बने रहे, तो डीएमके नेता करूणानिधि के निधन से कुछ समय पहले पीएम मोदी, उनके भी चेन्नई निवास पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने करूणानिधि से दिल्ली में अपने आवास पर रह कर इलाज करवाने की पहल की थी. राजनीतिक जानकारों का मानना था कि जरूरत पड़ने पर डीएमके के साथ भी जा सकती थी बीजेपी, परन्तु कुछ समय पहले डीएमके ने कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन की घोषणा करके इस सियासी संभावना पर पूर्ण विराम लगा दिया. 

तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत ने वर्ष 2018 में सक्रिय राजनीति में आने का एलान किया था. उनका कहना था कि करुणानिधि और जयललिता के निधन के बाद प्रदेश की राजनीति में एक खालीपन आ गया था, जिसे वे भरने जा रहे हैं.

बीजेपी को सियासी समर्थन की उम्मीदें तो रजनीकांत से भी थी, परन्तु कुछ समय पहले रजनीकांत ने यह एलान करके कि- उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल को अपना समर्थन नहीं दिया है, इसलिए कोई भी दल उनका या उनकी संस्था के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं कर सकता है, बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

अंततः 19 फरवरी 2019 को  एआईएडीएमके  ने पट्टाली मक्कल कटची और बीजेपी से गठबंधन की घोषणा कर दी. तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं, एआईएडीएमके ने इनमें से सात सीट पीएमके और पांच सीट बीजेपी को देने का एलान किया. 

उधर, इस एलान के अगले रोज 20 फरवरी 2019 को डीएमके ने भी कांग्रेस से गठबंधन का ऐलान किया और उसे 10 सीटें देने की बात कही. इन दस में पुद्दुचेरी की एकमात्र सीट भी शामिल है.

इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव की तस्वीर तो साफ हो गई कि कौन, किसके साथ खड़ा है, किन्तु इस बार के लोस चुनाव के नतीजे क्या रहेंगे, यह कहना इसलिए मुश्किल है कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि के गुजर जाने के बाद तमिलनाडु की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है. लोस चुनाव के नतीजों के बाद ही तमिलनाडु की राजनीति की नई दिशा और सोच नजर आएगी.

Web Title: Lok Sabha elections: After his passing, Tamil Nadu's political picture has changed, will the political dreams of the BJP be realized?