Lok Sabha Elections 2024: "मोदीजी तो 'भ्रष्टाचार के' महारथी हैं, एएनआई को दिया उनका इंटरव्यू 'स्क्रिप्टेड' था", राहुल गांधी का हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 17, 2024 11:48 AM2024-04-17T11:48:01+5:302024-04-17T11:58:39+5:30
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वो ''भ्रष्टाचार का चैंपियन'' हैं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द की गई चुनावी बांड योजना मोदी द्वारा की गई दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली है।
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फाइल फोटो
लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कि वो ''भ्रष्टाचार का चैंपियन'' हैं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द की गई चुनावी बांड योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ गाजियाबाद में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए वायनाड सांसद ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी का एएनआई को दिया गया हालिया साक्षात्कार "स्क्रिप्टेड और फ्लॉप शो" था।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार राहुल गांधी ने कहा, 'कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एएनआई को एक बहुत लंबा इंटरव्यू दिया था। वह पूरी तरह से स्क्रिप्टेड ओर फ्लॉप शो था। प्रधानमंत्री ने इसमें चुनावी बॉन्ड को समझाने की कोशिश की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था पारदर्शिता के लिए लाया गया लकिन राजनीति को स्वच्छ करने के लिए आप उन तारीखों को छिपाते हैं, जब आपने जबरन पैसे लिए?''
चुनावी बांड योजना को इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। पिछले महीने अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक से चुनावी बांड खरीदने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के नाम उजागर करने को कहा।
राहुल गांधी ने कहा, “यह दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है। भारत के सभी कारोबारी इस बात को समझते और जानते हैं और प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर चाहे कितनी भी सफाई दे दें, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं।''
समाचार एजेंसी एएनआई के दिये इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर चुनावी बांड योजना पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था और कहा था कि 'जब ईमानदारी से विचार किया जाएगा तो हर किसी को पछतावा होगा। पीएम मोदी ने कहा था कि चुनावी चंदे की योजना राजनीति में काले धन पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा था, "हमारे देश में लंबे समय से चर्चा चल रही है कि चुनावों में काले धन के जरिए एक खतरनाक खेल होता है। देश के चुनावों में काले धन का खेल खत्म हो, यह चर्चा लंबे समय से चल रही है। चुनाव में खर्च होता है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। मेरी पार्टी भी खर्च करती है, सभी पार्टियां, उम्मीदवार खर्च करते हैं और पैसा लोगों से लेना पड़ता है। मैं चाहता था कि हम कुछ प्रयास करें, हमारा चुनाव इस काले धन से कैसे मुक्त हो पारदर्शिता हो? मेरे दिमाग में एक शुद्ध विचार था। हम एक छोटा सा रास्ता ढूंढ रहे थे, लेकिन हमने कभी यह दावा नहीं किया कि यह बिल्कुल सही रास्ता है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद चुनावी बांड खरीदने वाली 16 कंपनियों द्वारा किए गए कुल दान में से केवल 37 प्रतिशत राशि भाजपा को और 63 प्रतिशत विपक्षी दलों को गई।
उन्होंने कहा, “मुझे याद है नब्बे के दशक में भाजपा को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। पैसे नहीं होते थे। जो देना चाहते थे उनमें ऐसा करने की हिम्मत नहीं थी। मुझे ये सब पता था। अब देखिए, अगर चुनावी बांड नहीं होता तो सिस्टम के पास ये पता लगाने की ताकत थी कि पैसा कैसे आया और कहां गया। यह चुनावी बांड की सफलता की कहानी है।"
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड थे तो आपको पता चल रहा है कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहां दिया। इस प्रक्रिया में जो हुआ वह अच्छा था या बुरा यह बहस का मुद्दा हो सकता है। मैं यह कभी नहीं कहता कि निर्णय लेने में कोई कमी नहीं थी। चर्चा करके, सुधार करके हम सीखते हैं लेकिन आज हमने देश को पूरी तरह से काले धन की ओर धकेल दिया है, इसलिए मैं कहता हूं, जब वे ईमानदारी से सोचेंगे तो सभी को पछतावा होगा।''
प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव विचारधारा का चुनाव है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा और आरएसएस संविधान को नष्ट कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, "एक ओर आरएसएस और भाजपा संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी ओर इंडिया गठबंधन और कांग्रेस पार्टी संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "चुनाव में 2-3 बड़े मुद्दे हैं, जिसमें बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है और महंगाई दूसरी नंबर पर है, लेकिन भाजपा इन्हें छोड़कर ध्यान भटकाने में लगी हुई है। न तो प्रधानमंत्री और न ही भाजपा इन गंभीर मुद्दों पर बात करने का प्रयास करते हैं।''