Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस को 2019 से अब तक कितनों दिग्गजों ने दिया गच्चा?, सिंधिया से लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह तक बड़ी लंबी है धाकड़ नेताओं की लिस्ट

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 5, 2024 07:56 AM2024-04-05T07:56:30+5:302024-04-05T08:25:40+5:30

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस में अंदरखाने जबरदस्त घमासान चल रहा है। नतीजतन कांग्रेस के कई नेता पाला बदलकर विपक्षी खेमें में ताल ठोंकत हुए नजर आ रहे हैं।

Lok Sabha Elections 2024: How many veterans have cheated Congress since 2019? From Scindia to Captain Amarinder Singh, the list of strong leaders is very long | Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस को 2019 से अब तक कितनों दिग्गजों ने दिया गच्चा?, सिंधिया से लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह तक बड़ी लंबी है धाकड़ नेताओं की लिस्ट

फाइल फोटो

Highlightsदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस में अंदरखाने जबरदस्त घमासान चल रहा है2019 से कांग्रेस के कई बड़े नेता पाला बदलकर विपक्षी खेमें में ताल ठोंकत हुए नजर आ रहे हैंकांग्रेस के प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ और विश्वस्तरीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह भाजपा में शामिल हो गये

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस में अंदरखाने जबरदस्त घमासान चल रहा है। नतीजतन कांग्रेस के कई नेता पाला बदलकर विपक्षी खेमें में ताल ठोंकत हुए नजर आ रहे हैं। बीते गुरुवार और बुधवार को लगातार दो दिन कांग्रेस को दो भारी नुकसान हुआ।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार बीते गुरुवार को कांग्रेस के प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। वहीं विश्वस्तरीय मुक्केबाज रहे हरियाणा के विजेंदर सिंह भी बीते बुधवार को कांग्रेस का हाथ छोड़कर भगवा पार्टी में शामिल हो गये थे।

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी इस कारण से छोड़ी क्योंकि वे जिस दिशाहीन तरीके से आगे बढ़ रहे थे, उसके कारण वो असहज महसूस कर रहे थे।

गौरव वल्लभ नेकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे अपने त्याग पत्र में लिखा, ''मैं सुबह-शाम न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही देश के धन सृजनकर्ताओं को गाली दे सकता हूं। मैं भावुक इंसान हूं। मैं बहुत कुछ कहना, लिखना, बताना चाहता हूं लेकिन, मेरे मूल्य मुझे ऐसा कुछ भी कहने से रोकते हैं जिससे दूसरों को ठेस पहुंचे। फिर भी, मैं आज आपके सामने अपने विचार रख रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि सच छिपाना भी एक अपराध है और मैं उस अपराध का हिस्सा नहीं बनना चाहता।”

इसके साथ ही गौरव वल्लभ ने पूर्व कांग्रेसी बनते और भाजपा में शामिल होते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत ज्यादा प्रभवित हैं और उनके 'विकसित भारत' के एजेंडे का भरपूर समर्थन करते हैं। दिग्गज मुक्केबाज से कांग्रेस नेता बने विजेंदर सिंह और गौरव वल्लभ के अलावा बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा भी गुरुवार को भाजपा के सिपाही बन गये और बिहार में महागठबंधन के खिलाफ खड़े हो गये।

यहां पर हम कांग्रेस के उन पूर्व दिग्गजों की चर्चा कर रहे हैं, जो 2019 के बाद से भाजपा में शामिल होने के लिए देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल का फूल लिये कांग्रेस के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

नवीन जिंदल

मशहूर उद्योगपति और राजनेता नवीन जिंदल ने कांग्रेस के साथ वर्षों के सफर को विराम देते हुए पाला बदला और बीजेपी में चले ग।  2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद चुने गए थ।  भाजपा ने नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।

सावित्री जिंदल

देश की सबसे अमीर महिला एवं जिंदल समूह की प्रमुख सावित्री जिंदल ने भी बेटे नवीन जिंदल की राह पर चलते हुए वर्षों पुराना कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। जिंदल हाउस में कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद भाजपा में शामिल हो गई।  उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों को बेहतर बताया।

अशोक चव्हाण

महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे अशोक चव्हाण ने बीते दिनों भाजपा की सदस्यता ले ली थी। भाजपा ने अशोक चव्हाण के अपने पार्टी में शामिल होने के बाद राज्यसभा के रास्ते उन्हें संसद में भेज दिया। महाराष्ट्र में कांग्रेस के कद्दावर नेता शकर राव चव्हाण के बेटे ने प्रदेश कांग्रेस के आंतरिक कलह से तंग आकर पार्टी का दामन छोड़ा और अपनी राजनीतिक पारी भाजपा के साथ बढ़ाने का फैसला किया।

मिलिंद देवड़ा

महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मुरली देवड़ा के बेटे और राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले मिलिंद देवड़ा ने भी बीते दिनों कांग्रेस के साथ अपना कई दशक पुराना नाता तोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गये। मिलिंद देवड़ा मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन ठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के पास न होकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास थी। इसी वजह से मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थाम लिया।

जगदीश शेट्टर

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने जनवरी 2024 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। शेट्टार 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट न दिये जाने से आहत होकर कांग्रेस में शामिल हुए थे लेकिन एक साल बाद उन्होंने यू-टर्न लिया और भाजपा में फिर से शामिल हो गए।

अनिल एंटनी

कांग्रेस के दिग्गज नेता, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी 6 अप्रैल 2023 को भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस छोड़ने से पहले वो केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डिजिटल मीडिया संयोजक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय समन्वयक रहे थे। अनिल एंटनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के विरोध को लेकर उपजे विवाद के बाद पार्टी छोड़ी थी।

हार्दिक पटेल

गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, जो 2020 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे और मई 2022 आते-आते कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। उसी वर्ष भाजपा ने उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव में वीरमगाम सीट से उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की और आज की तारीख में वो भाजपा के विधायक हैं।

अल्पेश ठाकोर

पूर्व कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने लोकसभा चुनाव के कुछ ही दिनों बाद जुलाई 2019 में कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। भगवा पार्टी में शामिल होने के कुछ समय बाद उन्हें गुजरात के राधापुर निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा गया, लेकिन वो चुनाव हार गए थे।

आरपीएन सिंह

यूपीए के मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे आरपीएन सिंह जनवरी 2022 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति के प्रमुख नेता हैं। उन्होंने पार्टी छोड़चे समय कहा था, “जिस पार्टी के लिए उन्होंने 32 वर्षों तक समर्पण और ईमानदारी के साथ काम किया, वह अब वैसी नहीं रही।”

सुनील जाखड़

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और मई 2022 में भाजपा में शामिल हो गए। जाखड़, जिनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए पंजाब में एक भारी झटके की तरह था। उन्होंने कहा कि उनके लिए 50 साल पुरानी अपनी पार्टी को छोड़ना आसान नहीं था लेकिन पंजाब में 'राष्ट्रवाद', 'भाईचारा' और 'एकता' जैसे मुद्दों के कारण ऐसा करना पड़ा।

कैप्टन अमरेंद्र सिंह

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 2022 में भाजपा में शामिल हो गए और अपनी तत्कालीन नई लॉन्च की गई पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) का भगवा पार्टी में विलय कर दिया। कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद उन्होंने 2021 में पीएलसी पार्टी का गठन किया था।

जयवीर शेरगिल

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने जनवरी 2022 में सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली। सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने पर शेरगिल ने कहा था कि वह कांग्रेस की "नकारात्मक राजनीति" से "सकारात्मक विकास की राजनीति" की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

जितिन प्रसाद

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से एक साल पहले जून 2021 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए। प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला काफी विचार-विमर्श के बाद आया, उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ उनका संबंध तीन पीढ़ियों से है।

ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी और मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हो गए, जिससे सबसे पुरानी पार्टी के साथ उनका 18 साल पुराना नाता खत्म हो गया। सिंधिया के कांग्रेस से बाहर निकलने के बाद कर्नाटक में बंधक बनाए गए लगभग 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।

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