लोक सभा 2019: सिंहभूम में कांग्रेस मजबूत, बीजेपी के लिए कठिन होगी राह
By पल्लवी कुमारी | Published: March 6, 2019 08:32 AM2019-03-06T08:32:50+5:302019-03-06T11:45:08+5:30
भारतीय जनता पार्टी नेता लक्ष्मण गिलुवा सिंहभूम लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं। गिलुवा बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में लक्ष्मण गिलुवा ने जय भारत समानता पार्टी की गीता कोड़ा को हराया था। गीता कोड़ा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) झारखंड में 2014 के लोकसभा चुनाव की कहानी दोहराना चाहता है। वहीं कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल नरेन्द्र मोदी सरकार को केंद्र से हटाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहता है। ऐसे में हम आपको झारखंड के 14 लोकसभा सीटों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। इस स्टोरी में हम बात करेंगे सिंहभूम लोकसभा सीट के बारे में।
झारखंड का सिंहभूम लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक है। सिंहभूम लोकसभा सीट किसी भी पार्टी का गढ़ नहीं माना जाता है। ऐसे में सिंहभूम सीट से समझ पाना काफी मुश्किल होता है कि किस पार्टी के कौन से उम्मीदवार यहां से बाजी मार जाए।
वर्तमान में सिंहभूम लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद
सिंहभूम लोकसभा सीट से वर्तमान में सांसद भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्मण गिलुवा हैं। जो कि बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में लक्ष्मण गिलुवा ने जय भारत समानता पार्टी की गीता कोड़ा को हराया था। गीता कोड़ा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं।
मधु कोड़ा 2006 में पहली बार मधु कोड़ा झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। वो पहले झारखंड के मुख्यमंत्री थे, जो निर्दलीय थे। उनके ऊपर बाद में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। उन आरोपों की वजह से वह जेल में है। उनके उपर कई ओर मामले चल भी रहे हैं।
सिंहभूम लोकसभा सीट का परिचय
सिंहभूम लोकसभा सीट पश्चिमी सिंहभूम जिला, पूर्वी सिंहभूम और सेराकेला खरसावां में फैली हुई है। यह इलाका अनुसूचित जनजाति बहुल है। यह सीट खासतौर पर अनुसूचित जनजाति के आरक्षित मानी जाती है। यह इलाका रेड कॉरिडोर का हिस्सा है। यहां छह विधानसभा सीट है। जो इस प्रकार है... सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर और जगन्नाथपुर है। यह पूरा इलाका लोहे और सम्बन्धित खनिजों की खदानों से भरा हुआ है। यहां के स्थानीय निवासी तकरीबन 80 प्रतिशत आदिवासी हैं। इस सीट पर संथाल, महतो, कुड़मी, गोप, गौड़ जैसे झारखंड के स्थानीय निवासी ज्यादा है। इस इलाके के लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्र में जंगल है।
2014 के चुनाव आकड़ों के मुताबिक इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 11.52 लाख थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमे इस बार भी चुनाव में इसमें ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को नहीं मिलेगा। 2014 में यहां 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
सिंहभूम लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
1957 से लेकर 1977 तक सिंहभूम लोकसभा सीट पर झारखंड पार्टी (JKP) का वर्चस्व रहा है। 1957 में शंभू चरण, 1962 में हरि चरण, 1967 में कोलई बिरुआ, 1971 में मोरन सिंह पुट्टी और 1977 में बगुन संब्रुई जीते थे। 1977 के बाद 1980 में बगुन संब्रुई कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 1980 में बगुन संब्रुई कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़े थे और जीते थे। इसके बाद वह 1984 और 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जीते थे। यानी बगुन संब्रुई चार बार लगातार सांसद रहे। इसके बाद 1991 के लोकसभा चुनाव बगुन संब्रुई हार गए थे।
1991 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कृष्णा मरांडी इस सीट से जीते थे। 1996 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सिंहभूम लोकसभा सीट पर खाता खुला और चित्रसेन सिंकू जीते। लेकिन 1998 में बीजेपी इस सीट से फिर हार गई और कांग्रेस ने वापसी की। 1998 में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार जय सिंह शॉ जीते। 1999 में बीजेपी ने फिर से वापसी की और लक्ष्मण गिलुवा जीते। 2004 में कांग्रेस के बगुन संब्रुई फिर से सांसद बने। ये पांचवीं बार था जब वह सांसद बने थे। 2009 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मधु कोड़ा जीते थे। मधु कोड़ा झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे। वो पहले झारखंड के मुख्यमंत्री थे, जो निर्दलीय थे। 2014 के चुनाव में बीजेपी के फिर लक्ष्मण गिलुवा जीते।
बीजेपी का दावा- झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर जीतेगी
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष और सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने हाल ही में कहा है, बीजेपी इस बार झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर विजयी होगी। लक्ष्मण गिलुवा ने कहा, किसी सांसद का टिकट नहीं काटा जाएगा। साल 2014 में जिस तरह डॉ. रवींद्र कुमार राय के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में हम लोकसभा चुनाव लड़े थे, उसी तरह इस बार भी लोकसभा के 14 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को लड़ाएंगे और खुद भी लड़ेंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दावा- जमशेदपुर नहीं तो सिंहभूम, किसी एक ही सीट पर लड़ेंगे चुनाव
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जमशेदपुर लोकसभा सीट और सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में से किसी एक ही सीट पर चुनाव लड़ेगा। यह अभी तय नहीं कि इन दो सीटों में से पार्टी किसी सीट से चुनावी मैदान में उतरेगी। इस बात की पुष्टी झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने की है।
शिबू सोरेन ने कहा है, अभी महागठबंधन पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। जल्द ही इस पर फैसला हो जाएगा तो नतीजा सामने होगा। उन्होंने कहा, झामुमो पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा।