लोक सभा 2019 में यूपी की 79 सीटों पर चुनाव लड़ेगा शिवपाल यादव का समाजवादी मोर्चा, कहा- हमारे बिना नहीं बनेगी किसी की सरकार
By भाषा | Published: October 19, 2018 05:39 PM2018-10-19T17:39:37+5:302018-10-19T17:40:29+5:30
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जनता पर टैक्स का बोझ डाला जा रहा है। जनता तिलमिला रही है और ऐसे में मोर्चा ने जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई शुरू की है।
इटावा (उप्र), 19 अक्टूबर (भाषा) समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश में मोर्चे के बिना सरकार नहीं बन सकेगी और मोर्चा प्रदेश में लोकसभा की एक सीट छोड़ बाकी सभी सीटों पर चुनाव लडे़गा।
शिवपाल ने यहां मोर्चा के जिला कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि सभी दलों का जनाधार खिसका है। ऐसे में केन्द्र और प्रदेश में मोर्चा के बिना सरकार नहीं बन पाएगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नोटबंदी, जीएसटी, और ताबड़तोड़ टैक्स से जनता बहुत दुखी हुई है। चुनाव में किए गए वादे में एक भी पूरे न होने से पूरे देश के लोग दुखी हैं।
शिवपाल ने कहा कि जनता पर टैक्स का बोझ डाला जा रहा है। जनता तिलमिला रही है और ऐसे में मोर्चा ने जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई शुरू की है। मोर्चा अकेले भाजपा और प्रदेश सरकार से लड़ाई लड़ रहा है। सभी दलों का जनाधार खिसका है। हमारा संघर्ष हमेशा से भाजपा से रहा है और इस बार भी हमारी लड़ाई सीधी भाजपा से ही है। सभी समान विचारधारा वाले दलों और लोगों से बात चल रही है।
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उन्होंने बडे़ भाई मुलायम सिंह यादव को मोर्चे के बैनर तले चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया है। फिर भी यदि वह किसी अन्य दल से कहीं से भी चुनाव लडे़ंगे तो उनको मोर्चा का खुला समर्थन रहेगा। उस सीट पर मोर्चा प्रत्याशी नहीं उतारेगा।
समाजवादी पार्टी परिवार में फूट
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव जनवरी 2017 में समाजवादी पार्टी से अलग हो गये थे।
माना जाता है कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव में मार्च 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर मतभेद हो गये थे।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और विधायक शिवपाल सिंह यादव को पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का समर्थन प्राप्त था लेकिन पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों ने अखिलेश यादव का समर्थन किया।
मामला चुनाव आयोग तक पहुँचा। चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साईकिल और पार्टी की अध्यक्षता दोनों अखिलश यादव को सौंपी।