लोकसभा चुनाव 2019: भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 9, 2019 10:15 AM2019-04-09T10:15:56+5:302019-04-09T10:49:32+5:30
बता दें कि 2008 में मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा को पिछले साल ही एनआईए कोर्ट सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा बीजेपी उम्मीदवार हो सकती है। प्रज्ञा के अलावा मक्का मस्जिद धमाका मामला के बाद चर्चा में आए स्वामी असीमानंद, मालेगांव धमाका में आरोपी करार दिए गए ले.कर्नल श्रीकांत पुरोहित के नाम की भी चर्चा है। इन सभी को कांग्रेस शासनकाल में हिंदू आतंकवाद के पोस्टर ब्यॉय की तरह पेश करने का आरोप भाजपा लगाती रही है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा है, मेरी कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं, जिनके लिए दिग्विजय सिंह जिम्मेदार हैं। मैं कभी उन धब्बों को नहीं भूल सकती, जो उन्होंने मेरी जिंदगी पर लगाए हैं।' जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी की तरफ से आपके चुनाव लड़ने को लेकर कोई फैसला लिया गया है, तो उन्होंने कहा कि वह दुश्मन को परास्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
बता दें कि 2008 में मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा को पिछले साल ही एनआईए कोर्ट सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।
यह माना जा रहा है कि अगर इनमें से किसी एक को टिकट दिया जाता है तो कांग्रेस बैकफुट पर आ सकती है। मध्यप्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि भाजपा भोपाल सीट से शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर भी विचार कर रही है।
हालांकि स्थानीय नेताओं का कहना है कि जिस तरह से इन तीनों के साथ कांग्रेस शासनकाल में ज्यादती हुई है और हिंदू आतंकवाद पर सबसे ज्यादा जिस तरह से दिग्विजय सिंह ने बयानबाजी की थी, उसे देखते हुए उनके सामने इनमें से किसी एक को चुनाव में उतारना चाहिए। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इन तीन नामों से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया है। इन नामों पर शिवराज सिंह चौहान को भी आपत्ति नहीं है।
अन्य राज्यों में होगा भाजपा को लाभ
भाजपा के नेता ने दावा किया कि इन तीनों में से एक के उम्मीदवार होने से चुनाव एक तरफा हो सकता है और मध्य प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में भाजपा को लाभ होगा। असीमानंद के आने से पश्चिम बंगाल में पार्टी को बड़ा लाभ होगा क्योंकि वह मूल रूप से वहीं से हैं। जबकि ले. कर्नल पुरोहित के आने से महाराष्ट्र में लाभ होगा। अगर प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाया जाता है तो इसका लाभ मप्र, छग, उप्र और बिहार के साथ ही पश्चिम बंगाल में भी होगा।