RLSP चीफ उपेंद्र कुशवाहा की चेतावनी- 'वोट की रक्षा के लिए हथियार उठाना पड़े तो उठाएंगे'
By एस पी सिन्हा | Published: May 21, 2019 06:12 PM2019-05-21T18:12:56+5:302019-05-21T18:12:56+5:30
RLSP चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा कि पहले बूथ लूट और अब रिजल्ट लूट की तैयारी चल रही है. अगर रिजल्ट लूट की घटना हुई तो महागठबंधन के नेताओं से आग्रह है कि हथियार भी उठाना हो तो उठा लें.
एग्जिट पोल के नतीजों के बाद से महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने लोगों से कहा कि अगर ईवीएम के जरिए चुनाव प्रभावित करने की कोशिश होगी तो खून-खराबा भी हो सकता है. उन्होंने एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा कि पहले बूथ लूट और अब रिजल्ट लूट की तैयारी चल रही है. अगर रिजल्ट लूट की घटना हुई तो महागठबंधन के नेताओं से आग्रह है कि हथियार भी उठाना हो तो उठा लें.
कुशवाहा यहीं नहीं रुके उन्होंने खुलेआम चेतावनी देते हुए कहा कि जनता का आक्रोश बहुत खतरनाक है, सड़क पर खून तक बह सकता है. जिला प्रशासन सतर्क रहे. ऐसा होता है तो इसके लिए पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेवार होंगे.
Upendra Kushwaha, RLSP in Patna: Vote ki raksha ke liye zaroorat pade toh hathiyaar bhi uthana ho toh uthaiye. Aaj jo result loot ki jo ghatna karne ki jo koshish ho rahi hai toh isko rokne ke liye hathiyaar bhi uthana ho toh uthana chahiye. #LokSabhaElections2019pic.twitter.com/g29bsWGyre
— ANI (@ANI) May 21, 2019
उन्होंने कहा कि हम लोगों से अपील करेंगे कि वे धैर्य और संयम रखें क्योंकि एग्जिट पोल प्लांट है. जनता सब समझ गई है. सत्ता में आने के लिए षडयंत्र रचा जा रहा है. एग्जिट पोल का धरातल से कोई मतलब नहीं है और हम एग्जिट पोल को सिरे से नकारते हैं. 'एग्जिट पोल काधरातल से कोई मतलब नहीं है और हम एग्जिट पोल को सिरे से नकारते हैं. वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने पीएम मोदी के बारे में कहा कि लोग मुगालते में हैं किसी भी तरह से सत्ता पर काबिज हुआ जाए. जनता में इनके प्रति बहुत आक्रोश है. एग्जिट पोल के जरिये देश में भ्रम फैलाया जा रहा है.
मनोवैज्ञानिक तौर पर असर डालने की कोशिश हो रही है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामचंद्र पूर्वे, उपेंद्र कुशवाहा, कांग्रेस नेता मदन मोहन झा, मुकेश सहनी और आलोक मेहता मौजूद थे. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी नहीं आए, लेकिन उनकी पार्टी के नेता-प्रवक्ता जरूर मौजूद रहे।