लोकसभा चुनाव 2019: मुलायम के कभी खास रहे शिवपाल को अखिलेश ने किया था किनारा!, जानें इनका राजनीतिक सफर

By स्वाति सिंह | Published: March 30, 2019 03:30 PM2019-03-30T15:30:32+5:302019-03-30T15:30:32+5:30

सपा में उपेक्षा का आरोप लगाकर अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) बनाने वाले शिवपाल भी फिरोजाबाद लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे।

Lok Sabha Elections 2019: mulayam singh favorite shivpal yadav side line by akhilesh yadav, know about his Political engagement | लोकसभा चुनाव 2019: मुलायम के कभी खास रहे शिवपाल को अखिलेश ने किया था किनारा!, जानें इनका राजनीतिक सफर

लोकसभा चुनाव 2019: मुलायम के कभी खास रहे शिवपाल को अखिलेश ने किया था किनारा!, जानें इनका राजनीतिक सफर

Highlightsअप्रैल 1955 में सैफई में जन्में शिवपाल सिंह यादव नेता बीते दो दशकों से अहम जगह बनाएं हुए हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव शनिवार को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद लोकसभा नामंकरण दाखिल किया है।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) में उपेक्षा का आरोप लगाकर अलग पार्टी बनाने वाले शिवपाल फिरोजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहां उनका मुकाबला अपने ही भतीजे अक्षय यादव से है। अक्षय शिवपाल के भाई रामगोपाल यादव के बेटे हैं। रामगोपाल ने सपा में वर्चस्व की लड़ाई के दौरान अखिलेश का साथ दिया था। उसके बाद से रामगोपाल और शिवपाल के रिश्तों में दरार आ गयी।

सैफई में अप्रैल 1955 में जन्में शिवपाल सिंह यादव राजनीति में पिछले कई सालों से अहम जगह बनाए हुए हैं। साल 1974 में इंडरमीडिएट पास करने के बाद 1977 में उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीपीएड किया। अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद शिवपाल अपने बड़े भाई मुलायम सिंह की उंगली पकड़कर राजनीति सिखने लगे। शुरू में इन्हें सिर्फ मुलायम सिंह के भाई के तौर पर पहचान मिली थी लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली। 

मुलायम सिंह की गैर-मौजूदगी में शिवपाल क्षेत्र में लोगों के बीच क्षेत्र में घूमकर सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में भाग लेते और भाई मुलायम का प्रचार करते थे। इसके साथ ही उन्होंने चुनावों में पर्चें बांटने से लेकर बूथ-समन्वयक तक की जिम्मेदारी निभाई है।

सबसे पहले साल शिवपाल 1988 में सक्रिय राजनीति में आए।इसके बाद वह साल 1988 से 1991 और फिर 1993 में जिला सहकारी बैंक (इटावा) के अध्यक्ष के तौर पर चुने गए। इसके बाद वह इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। साथ ही उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के भी अध्यक्ष बने। साल 1996 में शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी से विधानसभा चुनाव के लिए जसवंतनगर से टिकट मिला। इस चुनाव में उन्होंने भारी मतों से चुनाव जीता। इसके बाद से लगातार वह इसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 

वह लगभग 20 साल से मजबूत विधानसभा सदस्य के तौर पर मजबूत करने वाले नेता जाने जाते हैं। राजनितिक में मजबूत नेता के साथ साथ साथ वह अपने अच्छे बर्ताव के लिए भी मशहूर रहे हैं। मुलायम और अखिलेश यादव की सरकार में वह कई अहम मंत्रालयों के मंत्री रहे हैं। लेकिन जैसे ही पार्टी में अखिलेश यादव की पकड़ मजबूत हुई वैसे ही शिवपाल यादव किनारे कर दिये गये। इसके बाद उन्होंने सपा में उपेक्षा का आरोप लगाकर अलग प्रसपा नाम की अलग पार्टी बना ली। 

लोकसभा चुनाव 2019 में भतीजे के खिलाफ लड़ेंगे 

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद संसदीय सीट बेहद खास बन चुकी है। बिहार में समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अक्षय प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने अभी तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं किया है। इस सीट पर जाट और मुस्लिम वोटरों का वर्चस्व होने के कारण सबकी निगाहें टिकी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव में इस सीट पर मुस्लिम, जाट और यादव वोटरों का समीकरण बड़ी भूमिका निभा सकता है।

फिरोजाबाद लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में मतदान

उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में मतदान होगा। इसके साथ साथ इस चरण में मुरादाबाद, रामपुर, संभल, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली और पीलीभीत में वोट डाले जाएंगे।

बता दें कि तीसरे चरण में राज्य के 1.76 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 95. 5 लाख पुरुष मतदाता, 80.9 लाख महिला मतदाता और 983 किन्नर मतदाता हैं ।

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