लोकसभा चुनाव 2019ः दोबारा मोदी सरकार बनी तो होगी कुछ मंत्रियों की छुट्टी, सहयोगी दलों को मिलेगी वरीयता!
By संतोष ठाकुर | Published: May 23, 2019 08:19 AM2019-05-23T08:19:06+5:302019-05-23T08:21:31+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अपने काबीना मंत्रियों के साथ मुलाकात की तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को यह स्पष्ट किया कि यहां पर मौजूद कुछ साथियों को वह शायद अपने अगले मंत्रिमंडल में साथ नहीं रख पाएं.
केंद्र में एक्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक एक बार फिर से मोदी सरकार बनती है तो इस बार सरकार में भाजपा का कोटा कुछ कम हो सकता है. इसकी वजह यह है कि सरकार में जदयू, शिवसेना को प्रमुखता देने के साथ ही पूर्वोत्तर के गठबंधन को भी वरीयता देने का दबाव भाजपा पर रहेगा. जिससे बिहार से आने वाले कुछ मंत्रियों को फिर से मंत्री पद हासिल न हो.
भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब मंगलवार को पार्टी कार्यालय में अपने काबीना मंत्रियों के साथ मुलाकात की तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को यह स्पष्ट किया कि यहां पर मौजूद कुछ साथियों को वह शायद अपने अगले मंत्रिमंडल में साथ नहीं रख पाएं. लेकिन ऐसा नहीं है कि उन्हें एक किनारे छोड़ दिया जाएगा. उनके समर्पण, उपलिब्धयों और प्रतिबद्धता का ध्यान रखा जाएगा. संभव है कि एक या दो मंत्रियों को महासचिव पद के लिए नामति कर उन्हें समायोजित किया जाए.
सूत्रों के मुताबिक भाजपा नीत राजग की नई संभावित सरकार में बिहार से आने वाले भाजपा के कुछ मंत्रियों को पद गंवाना पड़ सकता है. इसकी वजह यह है कि जदयू ने हर चार से पांच सांसद पर एक मंत्री पद के फार्मूला पर अमल करने का अनुरोध किया है. इसी तरह से महाराष्ट्र से भी सरकार पर शिवसेना का दबाव रहेगा. पिछली सरकार वह उसे मिले मंत्री पदों से नाखुशी जाहिर करती रही है.
खुद की जगह बेटे को मंत्री बनवाना चाहते हैं पासवान
लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने सावर्जिनक तौर पर यह कहा है कि वह अपनी जगह अपने बेटे चिराग पासवान को मंत्री बनवाना चाहेंगे. यह शायद प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी से मिला संकेत ही होगा जिसमें उन्हें स्पष्ट किय गया होगा कि उन्हें पहले की तरह एक ही काबीना पद मिलेगा. ऐसे में वह तय करें कि वह स्वयं मंत्री बनेंगे या फिर बेटे को मंत्री बनाएंगे.
पश्चिम बंगाल और ओडिशा से मंत्री!
एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि सरकार पर दबाव रहेगा कि वह विधानसभा चुनाव में जाने वाले राज्यों पश्चिम बंगाल, दिल्ली को मंत्रीमंडल में शामिल करे. इसके साथ ही ओडिशा से भी मंत्री लेने का दबाव होगा. ऐसे में बिहार कोटा से भाजपा मंत्रियों की संख्या कम हो सकती है.