लोकसभा चुनाव 2019ः बीजेपी को अमृतसर और नई दिल्ली के लिए ऐसे सितारोंं की तलाश, जो फीका कर दे विपक्षी उम्मीदवार का रंग
By संतोष ठाकुर | Published: April 8, 2019 09:33 AM2019-04-08T09:33:00+5:302019-04-08T09:33:00+5:30
अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्दू के असर को देखते हुए जहां पंजाबी फिल्मों के किसी बड़े सितारे को उतारने की रणनीति पर काम किया जा रहा है तो वहीं नई दिल्ली से भी किसी ऐसी शख्सियत को मैदान में लाने की तैयारी की जा रही है जिसके नाम के आगे कांग्रेस, आप या इनके संयुक्त उम्मीदवार की उम्मीदवारी का रंग फीका पड़ जाए.
भाजपा ने अमृतसर और नई दिल्ली सीट के लिए सेलेब्रिटी उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है. अमृतसर में नवजोत सिंह सिद्दू के असर को देखते हुए जहां पंजाबी फिल्मों के किसी बड़े सितारे को उतारने की रणनीति पर काम किया जा रहा है तो वहीं नई दिल्ली से भी किसी ऐसी शख्सियत को मैदान में लाने की तैयारी की जा रही है जिसके नाम के आगे कांग्रेस, आप या इनके संयुक्त उम्मीदवार की उम्मीदवारी का रंग फीका पड़ जाए.
वहीं, इस बार भाजपा ने हरियाणा के रोहतक से भी किसी ऐसे प्रत्याशी को सामने लाने की मशक्कत शुरू कर दी है, जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेेंद्र सिंह हुड्डा के गृह जिले में उन्हें मात देने में सफल हो पाए. यहां से फिलहाल उनके पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा सांसद हैं. रोहतक को हुड्डा का गढ़ भी कहा जाता है. सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र देश की सबसे प्रतिष्ठित सीट है. जिस तरह से कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की बात हो रही है, भाजपा का आकलन है कि यह समझौता हो सकता है. इसकी वजह यह है कि स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की पहल पर अजय माकन ने इस समझौता को लेकर कवायद शुरू की थी.
इस संभावित गठबंधन को देखते हुए यहां से उम्मीदवार बनाने के लिए भाजपा ने किसी बड़ी शख्सियत या सेलिब्रिटी की तलाश शुरू कर दी है. भाजपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यहां से हालांकि प्रभारी श्याम जाजू का नाम भी चल रहा है, लेकिन पहली प्राथमिकता कोई सेलिब्रिटी है. यह फिल्मी सितारा भी हो सकता है या फिर कोई प्रख्यात नाटककार, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता या नृत्यांगना भी हो सकती है. इसी तरह से अमृतसर सीट पर भी किसी फिल्मी सितारा की तलाश है. हालांकि पहली प्राथमिकता पंजाबी फिल्मों का कोई सितारा है. पूनम ढिल्लों का नाम भी यहां से चल रहा है. हालांकि उनके नाम की चर्चा चंडीगढ़ से भी हो रही है.
कांग्रेस को उसकी परंपरागत सीटों पर भी घेरने की तैयारी
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा इस बार कांग्रेस की परंपरागत सीटों पर भी उन्हें घेरना चाहती है. यही वजह है कि अमेठी, रायबरेली, छिंदवाड़ा के साथ ही रोहतक को लेकर भी खास रणनीति बनाई जा रही है. हरियाणा की राजनीति को ध्यान में रखते हुए यहां पर जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं, जो पंजाबी खत्री वर्ग से हैं, तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक जाट सुभाष बराला को दी गई. यह रणनीति काम भी आई और जींद विधानसभा क्षेत्र, जो परंपरागत जाट बहुलता वाली सीट है, वहां पर बराला का जाट कार्ड चला. भाजपा तमाम कयासों को गलत करार देते हुए विजयी रही.
इसी रणनीति के तहत इस बार रोहतक से किसी सितारा उम्मीदवार को उतारने पर कार्य किया जा रहा है. यह क्योंकि जाट बहुल सीट है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गृह सीट है, इसे ध्यान में रखते हुए जाट वर्ग के ही किसी फिल्मी या खेल सितारा को यहां से उतारने पर कार्य किया जा रहा है. यही वजह है कि हाल में हरियाणा के आठ उम्मीदवारों की घोषणा की गई लेकिन रोहतक के उम्मीदवार का नाम उसमें नहीं था. एक पदाधिकारी ने कहा कि रोहतक के साथ ही सिरसा सीट पर भी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया गया है. यह माना जा रहा है कि यहां से कैप्टन अभिमन्यु या फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला को मैदान में उतारा जा सकता है.