लोकसभा चुनाव 2019: वामदलों ने पेश किया 'महागठबंधन का तगड़ा फॉमूर्ला', ऐसा हुआ तो मोदी-शाह को लगेगा करारा झटका
By भाषा | Published: October 19, 2018 06:07 AM2018-10-19T06:07:44+5:302018-10-19T06:07:44+5:30
Lok Sabha Elections 2019: राजस्थान में भाकपा, माकपा, भाकपा माले और सपा सहित सात दलों का राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा गठित किया गया है। इसमें कांग्रेस और आप से भी शामिल होने के लिये बातचीत चल रही है।
अगले साल लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनौती से निपटने के लिये महागठबंधन की विपक्षी दलों की कवायद को वामदलों ने मौजूदा परिस्थितियों में अव्यवहारिक करार दिया है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने गुरुवार को कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में राज्यवार गठबंधन जरूरी है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भाकपा की ओर से समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन की बातचीत के लिये अधिकृत अनजान ने पीटीआई-भाषा को बताया कि माकपा सहित अन्य वामदलों में इस बात पर आम राय है कि लोकसभा चुनाव में राज्य आधारित गठबंधन ही कारगर साबित होगा।
उन्होंने ‘‘आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के बुरी तरह से नाकाम रहने के कारण मंहगाई से त्रस्त जनता में धार्मिक एवं जातीय आधार पर व्याप्त असुरक्षा को लेकर भारी नाराजगी है। ऐसे में देश की जनता को तत्काल राजनीतिक विकल्प की तत्काल है।’’ अनजान ने बताया कि वामदल इस परिस्थिति के मद्देनजर सभी विपक्षी दलों के साथ राज्य आधारित चुनावी गठजोड़ की पहल कर रहे हैं।
उन्होंने इस कवायद में शुरुआती कामयाबी राजस्थान में मिलने का हवाला देते हुये कहा कि भाकपा, माकपा, भाकपा माले और सपा सहित सात दलों का राजस्थान लोकतांत्रिक मोर्चा गठित किया गया है। इसमें कांग्रेस और आप से भी शामिल होने के लिये बातचीत चल रही है। जल्द ही सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला हो जायेगा।
अनजान ने कहा कि राजस्थान की तर्ज पर विधानसभा चुनाव वाले अन्य राज्यों तेलंगाना और मध्य प्रदेश में भी स्थानीय दलों के गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस प्रयोग को अन्य राज्यों में भी अमल में लाया जाएगा और यहां राज्य आधारित गठबंधन किये जायेंगे।
भाकपा नेता ने सभी विपक्षी दलों से इस रणनीति के व्यवहारिक पहलू को स्वीकार करने की अपील करते हुये विश्वास व्यक्त किया कि इसकी कामयाबी का अहसास लोकसभा चुनाव के बाद होगा जब चुनाव के बाद महागठबंधन की केन्द्र में सरकार बनेगी। अनजान ने कहा ‘‘कांग्रेस को राज्य आधारित गठबंधन के लिये बड़ा दिल दिखाते हुए स्थानीय दलों के राजनीतिक महत्व को स्वीकार कर सीटों का बंटवारा करना चाहिये। इसके लिये कांग्रेस को राज्यों में अपने मत प्रतिशत के आधार पर सीटों पर दावेदारी की जिद छोड़नी होगी।’’