लोकसभा चुनाव 2019: कर्नाटक में 2004 के बाद नहीं बना कोई भी मुस्लिम सांसद
By पल्लवी कुमारी | Published: April 9, 2019 06:05 PM2019-04-09T18:05:06+5:302019-04-09T18:05:06+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य और लंबे समय से बीजेपी के गढ़ रहे गुजरात में 1984 के बाद से कोई मुस्लिम सांसद चुन कर नहीं आया है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को पहले चरण के मतदान हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में एक विषय सबके लिए चिंता का कारण है, वो है मुस्लिम सांसदों का प्रतिनिधित्व का घटना। कर्नाटक में 2004 के बाद से एक भी मुस्लिम सांसद को नहीं चुना गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस और JD(S) ने 2004 से 2019 के बीच 11 मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने एक भी प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।
2004 से कर्नाटक राज्य ने अबतक 84 सांसदों को संसद भेजे हैं। 2004 में कलबुर्गी लोकसभा सीट से इकबाल अहमद सादगी (Iqbal Ahmed Saradgi) एकमात्र मुस्लिम सांसद थे। कर्नाटक में 12% से अधिक मुस्लिम हैं। कर्नाटक के 28 लोकसभा सीटों में से इस बार 2019 में भी सिर्फ एक ही मुस्लिम प्रत्याशी खड़ा है।
दोनों चरणों में पूरे कर्नाटक में 28 लोकसभा क्षेत्रों के लिए कुल 478 उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले चरण में 241 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, दूसरे में 237 चुनाव लड़ेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि कर्नाटका में 5.11 करोड़ पात्र मतदाता हैं, 2.58 करोड़ पुरुष हैं, 2.52 करोड़ महिलाएं हैं और 4,661 अन्य हैं।
1984 के बाद से गुजरात से एक भी मुस्लिम सांसद नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य और लंबे समय से बीजेपी के गढ़ रहे गुजरात में 1984 के बाद से कोई मुस्लिम सांसद चुन कर नहीं आया है। 1984 के आम चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भरूच से चुनाव जीते थे । राज्य की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी करीब नौ फीसदी है और वे पारंपरिक रूप से कांग्रेस समर्थक रहे हैं।
कांग्रेस नेता पटेल 1984 में चंदूभाई देशमुख को हराकर चुनाव जीते थे । हालांकि 1989 में वह देशमुख से ही हार गए थे । पटेल इस समय राज्यसभा सदस्य हैं और वह भरूच सीट से 1977 और 1980 में भी चुनाव जीते थे