लोकसभा चुनावः दिल्ली का तो पता नहीं, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस को मिलेगा आप का साथ!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 18, 2019 08:21 PM2019-04-18T20:21:40+5:302019-04-18T20:21:40+5:30
लोकसभा चुनाव 2019: आप ने राजस्थान विस चुनाव में 142 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और आधा प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे. यही नहीं, ज्यादातर सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी और नोटा से भी कम कुल वोट मिले थे.
दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है, लेकिन राजस्थान में आप का साथ कांग्रेस को मिलेगा.
विधानसभा चुनाव 2018 में आप ने राजस्थान में चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाई थी, लिहाजा इस बार लोस चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया गया है.
आप के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट का प्रेस को कहना था कि- विस चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के मद्देनजर लोस चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उनका कहना था कि- इस वक्त देश के राजनीतिक हालात गंभीर है और देश में लोकतंत्र की रक्षा हेतु पीएम नरेन्द्र मोदी को केन्द्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए राजस्थान में विपक्ष के सशक्त उम्मीदवारों का समर्थन किया जाएगा.
दरअसल, राजस्थान में आप का मुख्य विरोध पीएम मोदी सरकार से है. प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट का कहना था कि- बीजेपी, बेरोजगारी और किसानों की समस्या के बजाए सैन्य कार्रवाई जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने देशहित में पीएम मोदी सरकार को फिर से नहीं चुनने की बात कही और कहा कि- पीएम मोदी सरकार को सबक सिखाने का अवसर आ गया है.
आप नेता देवेन्द्र शास्त्री का कहना था कि पार्टी लोस चुनाव के बाद होने वाले पंचायत और नगर निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी.
उल्लेखनीय है कि आप ने राजस्थान विस चुनाव में 142 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और आधा प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे. यही नहीं, ज्यादातर सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी और नोटा से भी कम कुल वोट मिले थे.
राजस्थान में आप के कुल 142 उम्मीदवारों को 0.4 प्रतिशत (कुल मत 1,26,909) वोट मिले थे, जबकि नोटा पर 1.3 प्रतिशत (4.45 लाख) वोट आए थे.
बावजूद इसके, यदि आप राजस्थान में कांग्रेस का समर्थन करती है तो जहां बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है, वहां पर कांग्रेस को फायदा मिल सकता है.