लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी के कायस्थ वोट में क्या सेंध लगा पाएंगे शत्रुघ्न सिन्हा?
By निखिल वर्मा | Published: April 24, 2019 06:52 PM2019-04-24T18:52:49+5:302019-04-29T13:14:54+5:30
शत्रुघ्न सिन्हा के रूप में बिहार-यूपी में महागठबंधन को एक भीड़ जुटाने वाला नेता मिल गया है। उनकी पत्नी पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट से लखनऊ में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
बिहार में छठे चरण में 12 मई पटना साहिब संसदीय सीट पर मतदान होगा। कांग्रेस उम्मीदवार और वर्तमान सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के चलते यह सीट लगातार चर्चा का विषय बना है। पटना साहिब कायस्थ बहुल इलाका है और दोनों प्रत्याशी भी इसी जाति से आते हैं।
साल 2008 में परिसीमन के बाद पटना सीट दो लोकसभा सीटों में बंट गई थी। जिसमें से एक पाटलिपुत्र लोकसभा सीट है और दूसरी पटना साहिब लोकसभा सीट है। लोकसभा चुनाव 2014 में पाटलिपुत्र सीट से बीजेपी से रामकृपाल यादव और पटना साहिब से सिन्हा जीते थे।
पटना साहिब लोकसभा सीट का इतिहास
साल 2009 में सिन्हा ने कांग्रेस उम्मीदवार व फिल्म अभिनेता शेखर सुमन को 1.67 लाख वोटों से हराया था। 2014 में कांग्रेस ने भोजपुरी फिल्म अभिनेता कुणाल सिंह को टिकट दिया गया था, उन्हें सिन्हा के हाथों 2.65 लाख वोटों से हार का सामना पड़ा।
30 सालों से बीजेपी का गढ़ है पटना
शत्रुघ्न सिन्हा के बागी हो जाने के बाद बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को यहां से टिकट दिया है। मोदी सरकार में कानून मंत्री प्रसाद लगातार तीन बार से राज्यसभा सांसद रहे हैं, वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
रविशंकर को बीजेपी के मजबूत गढ़ में फायदा मिलने के आसार हैं। 1989 से अब तक हुए सात चुनाव में बीजेपी ने पांच बार इस सीट पर जीत हासिल की है। इसके अलावा प्रसाद के पिता ठाकुर प्रसाद जनसंघ में काफी सक्रिय थे और एकबार राज्य सरकार में मंत्री भी रहे।
जेपी आंदोलन से राजनीति शुरू करने वाले प्रसाद 1995 से बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हैं। इस दौरान वह अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। प्रसाद 2001 में वाजपेयी मंत्रिमंडल में कोयला और खदान विभाग के राज्यमंत्री, 2002 में केंद्रीय कानून राज्यमंत्री और 2003 में केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री बन चुके हैं।
कायस्थ बहुल सीट पर किसका जादू चलेगा?
यहां का कायस्थ वोटर दशकों से जनसंघ फिर बीजेपी को वोटर करते हुए आया है। पटना साहिब के रहने वाले पप्पू सिन्हा कहते हैं, कायस्थ लोग प्रत्याशी देखकर नहीं बल्कि फूल का निशान देखकर वोट करते हैं।
लोकमत से बातचीत में पटना के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं, शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस से लड़ने के बावजूद उन्हें इस जाति से वोट नहीं मिलने वाला। कायस्थ समाज शुरू से बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है।
राज्यसभा का मिला है आश्वासन
शत्रुघ्न सिन्हा के रूप में बिहार-यूपी में महागठबंधन को एक भीड़ जुटाने वाला नेता मिल गया है। उनकी पत्नी पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी के टिकट से लखनऊ में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। सिन्हा इन दोनों सीटों पर बीजेपी के खिलाफ पुरजोर प्रचार कर रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगर दोनों सीटों पर पति-पत्नी की हार हो जाती है तो शत्रुघ्न सिन्हा बिहार या उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजे जा सकते हैं।
यादव वोट बंटेंगे
पाटलिपुत्र सीट से लोकसभा चुनाव 2014 में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पूर्व सहयोगी रहे रामकृपाल यादव जीत हासिल की थी। रामकृपाल ने लालू यादव की बेटी मीसा भारती को मात दी थी। उनका कुछ प्रभाव पटना साहिब सीट पर भी है। इसके अलावा पटना से विधायक और बिहार सरकार में मंत्री नंदकिशोर यादव के चलते भी रविशंकर प्रसाद को यादव वोट मिलने की संभावना है।