लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस की न्याय योजना के जाल में फंसने से स्वयं को बचाया बीजेपी ने
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 9, 2019 09:38 AM2019-04-09T09:38:37+5:302019-04-09T10:53:39+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंत समय तक भाजपा संकल्प समिति के सदस्यों की उस बात को स्वीकार नहीं किया, जिसमें कांग्रेस की न्याय योजना के जवाब में गरीब परिवारों के लिए प्रति वर्ष आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव था. ऐसा करके न केवल प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के जाल में फंसने से भाजपा को बचाया, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर दिया कि भाजपा किसी अन्य दल की ओर से तय एजेंडा पर चुनाव लड़ने की जगह अपने स्वयं के वादों-इरादों और मापदंड पर चुनाव लड़ेगी.
यह संभवत: अपने को कांग्रेस की न्याय योजना के जाल से बचाने का ही प्रयास था कि भाजपा ने ऐसी किसी योजना को ऐलान नहीं किया. इतना ही नहीं, उसने किसी लोक-लुभावन योजना से बचने का भी प्रयास किया और केवल पहले से चल रही योजनाओं को ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आगे बढ़ाने का संकल्प किया. इसमें सभी को घर, उज्जवला, सभी को बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार शामिल था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संभवत: यह निर्णय किया कि अगर अगली सरकार में ढांचागत-विकास योजनाओं के लिए पैसा चाहिए तो मनभावन योजनाओं से बचने के साथ ही देश के अंदर से भी पैसा हासिल करने के लिए कार्य करना होगा. संभवत: यही वजह रही कि उन्होंने किसानों, छोटे-मंझोले दुकानदारों के लिए भी पेंशन योजना का ऐलान किया.
माना जा रहा है कि इन पेंशन योजनाओं में अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि की तरह ही पेंशन के इच्छुक लोगों से उनका अंशदान लिया जाएगा. लोगों को यह पेंशन 60 वर्ष की उम्र के बाद मिलेगा. ऐसे में सरकार के पास करोड़ों-करोड़ लोगों से दीर्घकाल के लिए पैसा मिल सकता है.