लोकसभा चुनाव नतीजे 2019: कांग्रेस के साथ जनता ने नहीं किया 'न्याय', क्या विपक्ष के नेता बनेंगे राहुल गांधी
By निखिल वर्मा | Published: May 23, 2019 01:46 PM2019-05-23T13:46:23+5:302019-05-23T13:47:04+5:30
भारतीय संविधान के अनुसार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए किसी पार्टी को कम से कम 10 फीसदी सीटें जीतनी जरूरी है। लोकसभा में कुल 543 सीटें है, विपक्ष का नेता बनाने के लिए किसी पार्टी को कम से कम 54 सीट लानी होगी।
लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने शुरू हो गए है। अब तक आए नतीजों-रुझानों में बीजेपी अकेले बहुमत का आंकड़ा पार कर रही है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार बीजेपी लोकसभा चुनाव 2014 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 286 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं कांग्रेस सिर्फ 54 सीटों पर आगे है।
क्या राहुल बनेंगे विपक्ष के नेता
बीजेपी के बाद कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी दल के रूप में उभर रही है। कांग्रेस फिलहाल 54 सीटों पर आगे है। भारतीय संविधान के अनुसार लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए किसी पार्टी को कम से कम 10 फीसदी सीटें जीतनी जरूरी है। लोकसभा में कुल 543 सीटें है, विपक्ष का नेता बनाने के लिए किसी पार्टी को कम से कम 54 सीट लानी होगी।
लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को संसदीय दल का नेता चुना था। हालांकि उन्हें नेता प्रतिपक्ष पद का दर्जा नहीं मिला।
1980 एवं 1984 में सदन में कोई विपक्ष का नेता नहीं था, क्योंकि किसी पार्टी के पास अपेक्षित संख्या नहीं थी। एक आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने 2014 में बताया था कि पहली, दूसरी, तीसरी, पांचवीं, छठी, सातवीं और आठवीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त रहा।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरकार और बीजेपी पार्टी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया था। अब सवाल है कि कांग्रेस के इस खस्ताहाल हालत में क्या वो नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार होंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2004 और 2009 में अमेठी लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उस समय दोनों बार कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। इसके बावजूद राहुल गांधी सरकार से दूर ही रहे थे।