लोकसभा चुनावः राष्ट्रवाद के सामने गुम हो गई समस्याएं, मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा बन गया है बड़ा मुद्दा
By शिवअनुराग पटैरया | Published: April 24, 2019 09:01 AM2019-04-24T09:01:35+5:302019-04-24T09:01:35+5:30
लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेशः एक हिस्सा राष्ट्रवाद के समर्थक के तौर पर प्रस्तुत हो रहा है, तो दूसरा हिस्सा राष्ट्रवाद से ज्यादा महत्वपूर्ण मजदूर, किसान, बेरोजगारी शिक्षा और स्वस्थ्य से जुड़े मुद्दों को मानता है.
लोकसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में राष्ट्रवाद सबसे बडे मुद्दे के तौर पर उभरा है. इसके आलवा तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दे हैं पर वह उतने प्रभावी बनकर नही उभर पा रहे है जितना की उनको उभरना चाहिए था.
मध्यप्रदेश में राज्य की 29 लोकसभा सीटों के लिए चार चरणों में मतदान होना है, राज्य में पहले चरण में 29 अप्रैल को प्रदेश की 6 सीटों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाडा के लिए मतदान होना है इसके बाद 6 मई को दमोह, टीकमगढ, सतना, खजराहो, रीवा, होशंगाबाद और बैतूल के लिए मतदान होगा. इसके बाद 12 मई को मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ के लिए वोटिंग होगी.
इसके बाद अंतिम चरण में 19 मई को देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा संसदीय क्षेत्र के मतदान होगा. इस तरह प्रदेश के 29 लोकसभा क्षेत्रों के लिए मतदान होने में 1 माह से कम का समय बाकी है. मतदान की तिथियां करीब आने के साथ-साथ यह साफ दिखाई देने लगा हे कि प्रदेश के अधिकांश लोकसभा क्षेत्रों में चुनावी मुद्दों में राष्ट्रवाद सबसे ऊपर है. इसी के चलते मतदाता एवं चुनाव अभियान दो हिस्सों में बटा हुआ दिखाई देता है.
एक हिस्सा राष्ट्रवाद के समर्थक के तौर पर प्रस्तुत हो रहा है, तो दूसरा हिस्सा राष्ट्रवाद से ज्यादा महत्वपूर्ण मजदूर, किसान, बेरोजगारी शिक्षा और स्वस्थ्य से जुड़े मुद्दों को मानता है. भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की कोशिश है कि पूरा चुनाव अभियान और परिदृश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रवाद के इर्द-गिर्द ही रहे.
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राजनीश अग्रवाल कहते हैं कि इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियां एक बड़ा विषय हैं. वे कहते हैं कि इस देश के लिए राष्ट्रीय गौरव और राष्ट्रीय सुरक्षा एक ऐसा विषय है जिस पर हमे बात करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने यह साबित कर दिया है कि हम दोनों मुद्दों पर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं.
हमने पाकिस्तान समेत दूसरे प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रों को साफ संदेश दे दिया है कि यह बदला हुआ भारत है, जो जबाव देना जानता है. वहीं कांग्रेस इस चुनाव को राफेल खरीदी में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर आगे बढ़ रही है कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने लोकमत समाचार से बातचीत करते हुए कि यह कैसी राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद जिसमें प्रधानमंत्री अपने एक उद्योगपति मित्र को राफेल विमान खरीदी में अनुचित तौर पर हजारों करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाता हो.
हम देश को बताना चाहते हैं कि मोदी सरकार के दौरान राफेल जैसे बड़े सौदों में भारी भ्रष्टाचार हुआ हम चाहते हैं कि चुनावी बहस का मुद्दा मजदूर, किसान, नौजवान और महिलाओं से जुड़े मुद्दे हों. हम सरकार में आए तो न्याय योजना क जरिए गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 72 हजार रुपए देंगे, वहीं शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ महिलाओं के लिए काम करेंगे.