लोकसभा चुनावः 10 साल पुराना प्रदर्शन दोहराना चाह रही कांग्रेस, यहां 2009 में जीती थीं 6 लोकसभा सीटें
By राजेंद्र पाराशर | Published: May 17, 2019 05:56 AM2019-05-17T05:56:05+5:302019-05-17T05:56:05+5:30
मालवा-निमाड़ अंचल में आठ लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल पूरा जोर लगा रहे हैं. भाजपा की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आकर सभाएं कर चुके हैं, तो कांगे्रस की ओर से राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी ने रोड शो कर सभाएं ली है.
मध्यप्रदेश में मालवा-निमाड़ अंचल में कांग्रेस एक बार फिर दस साल पुराने याने 2009 के परिणाम को दोहराना चाह रही है. 2009 में कांग्रेस ने इस अंचल 8 में से 6 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि 2014 में कांग्रेस को यहां पर एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी. इस बार फिर कांग्रेस मालवा-निमाड़ पर फोकस किए हुए हैं. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के बाद अब प्रदेश के नेताओं ने पूरी ताकत यहां लगा दी है. वहीं भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस अंचल में सभाएं कर चुके हैं.
मालवा-निमाड़ अंचल में आठ लोकसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल पूरा जोर लगा रहे हैं. भाजपा की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आकर सभाएं कर चुके हैं, तो कांगे्रस की ओर से राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी ने रोड शो कर सभाएं ली है.
दोनों ही दलों के केन्द्रीय नेताओं द्वारा बनाए गए माहौल के बाद अब चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में कमान प्रदेश के नेताओं के पास है. भाजपा इस अंचल की सभी 8 सीटों पर फिर से 2014 का चुनाव परिणाम दोहराना चाह रही है. 2014 में भाजपा को यहां सभी सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
इसके बाद पांच माह पश्चात भाजपा प्रत्याशी दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर से रतलाम-झाबुआ सीट पर कब्जा जमा लिया था. भाजपा के लिए यहां पर किसान सबसे बड़ा मुद्दा और उसकी जीत की राह में रोड़ा भी है. 2018 के चुनाव में मंदसौर गोलीकांड के चलते भाजपा को इस अंचल में करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते उसे सत्ता से दूर भी होना पड़ा.
वहीं कांग्रेस इस अंचल में फिर से दस साल पुराने 2009 के चुनाव परिणाम को दोहराना चाह रही है. इसके चलते उसने प्रदेश के मंत्रियों की फौज इन सभी 8 सीटों पर उतार दी है. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित प्रदेश के सभी नेता भी यहां सक्रिय हैं. 2009 में कांग्रेस ने इस अंचल की रतलाम-झाबुआ, उज्जैन, देवास, मंदसौर, खरगोन और खण्डवा सीट पर जीत हासिल की थी.
इस बार फिर रतलाम-झाबुआ में कांतिलाल भूरिया, मंदसोर में मीनाक्षी नटराजन और खण्डवा में अरुण यादव को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. ये तीनों प्रत्याशी मतदाता के बीच 2009 के कामों को लेकर फिर से सक्रिय हैं. उन्हें भरोसा है कि वे 2009 का परिणाम दोहराएंगे. जबकि देवास, उज्जैन और खरगोन में कांग्रेस ने प्रत्याशी बदलें है, यहां पर नए चेहरों पर कांग्रेस ने दाव खेला है. कांग्रेस यहां पर किसान कर्ज माफी का हवाला देकर किसानों को अपने पक्ष में करने का पूरा प्रयास कर रही है.