पीएम मोदी और शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग की 'सुस्ती' पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
By विनीत कुमार | Published: April 29, 2019 11:15 AM2019-04-29T11:15:53+5:302019-04-29T11:28:15+5:30
सुष्मिता देव ने अपनी याचिका में कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने चुनावी रैलियों में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए नफरत भरे भाषण दिये हैं।
सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप पर चुनाव आयोग के कार्रवाई नहीं करने के कांग्रेस के आरोप पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। यह याचिका कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने दायर की है। सुष्मिता ने अपनी याचिका में कहा है कि कोर्ट चुनाव आयोग को 24 घंटे के अंदर आचार संहिता की शिकायत पर कार्रवाई के लिए निर्देश दे।
सुष्मिता ने कहा है कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत के तीन हफ्ते के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई मंगलवार को करेगा। सुष्मिता ने अपनी याचिका में कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने चुनावी रैलियों में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए नफरत भरे भाषण दिये हैं और राजनीति फायदे के लिए सेना की कार्रवाई का भी जिक्र किया।
चुनाव आयोग ने पिछले ही महीने सभी राजनीतिक पार्टियों को निर्देश दिये थे कि वे पुलवामा हमले के संदर्भ में सेना का जिक्र अपनी रैलियों में न करें। साथ ही आयोग शहीदों की तस्वीर के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद पीएम मोदी और अमित शाह लगातार इसका जिक्र कर रहे हैं।
पीएम मोदी के महाराष्ट्र में एक रैली में फर्स्ट टाइम वोटर्स से पुलवामा शहीदों के नाम वोट डालने की अपील की भी शिकायत चुनाव आयोग के पास पहुंची है। यह शिकायत कोलकाता के महेंद्र सिंह ने कराई थी। इसके चुनाव आयोग ने स्थानिय निर्वाचन अधिकारी से भाषण का पूरा ब्यौरा मंगाया था।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन तमाम शिकायतों पर फिलहाल कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पूर्व में चुनाव आयोग यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित आजम खान, मायावती और मेनका गांधी पर बयानबाजी के लिए कुछ घंटे का बैन लगा चुका है।