लोकसभा चुनावः 'शत्रु' को 'खामोश' करने के लिए BJP ने कसी कमर, अमित शाह उनके घर से करने जा रहे हैं रोडशो
By एस पी सिन्हा | Published: May 9, 2019 03:04 PM2019-05-09T15:04:45+5:302019-05-09T15:05:58+5:30
पटना साहिब लोकसभा सीटः पिछले 4 बार से राज्यसभा सांसद रहे रविशंकर प्रसाद अरसे से इस सीट से पार्टी के उम्मीदवार बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन, सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा पिछले दो बार उम्मीदवारी में बाजी मार ले गए थे. इस बार माहौल बदला- बदला था.
बिहारी बाबू अर्थात शत्रुघ्न को पटना उनके घर में हीं 'खामोश' करने के लिए भाजपा ने दिनरात एक कर दी है. इसके लिए एक ओर जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पटना की सड़कों पर रोड शो करेने जा रहे हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद पिछले 2 महीने से पटना की सड़कों की खाक छान रहै हैं. रवि शंकर प्रसाद को भाजपा ने पटना साहिब लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने दो बार जीता चुनाव
यहां उल्लेखनीय है कि पिछले 4 बार से राज्यसभा सांसद रहे रविशंकर प्रसाद अरसे से इस सीट से पार्टी के उम्मीदवार बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन, सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा पिछले दो बार उम्मीदवारी में बाजी मार ले गए थे. इस बार माहौल बदला- बदला था. शत्रुघ्न भाजपा के शत्रु बन गए थे और पटना साहिब सीट भाजपा की प्रतिष्ठा का सवाल था, तभी तो प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा.
शत्रुघ्न सिन्हा को चुनौती
अब अमित शाह बिहार की राजधानी पटना के पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में शनिवार को रोडशो कर बिहारी बाबू को खामोश करने जा रहे हैं. सबसे मजेदार बात तो यह है कि इस रोडशो के लिए जो रास्ता चुना गया है, उससे साफ है कि यह आयोजन जानबूझकर बिहारी बाबू अर्थात शत्रुघ्न सिन्हा को चुनौती देने के लिए हो रहा है. लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब सीट से कांग्रेस और महागठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं. रोडशो के बारे में जानकारी देते हुए बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया कि अमित शाह का यह रोड शो पटना साहिब क्षेत्र के कदमकुआं स्थित दुर्गा मंदिर से शुरू होगा. रोड शो साहित्य सम्मेलन ठाकुरबाडी रोड से होते हुए गांधी मैदान के उद्योग भवन तक चलेगा. यह दूरी मात्र दो किलोमीटर है.
शत्रुघ्न सिन्हा का कदमकुआं से पुराना नाता
यहां बता दें कि इस इलाके से बिहारी बाबू का पुराना नाता है. कदमकुआं से सिन्हा का पैतृक घर कुछ ही मीटर की दूरी पर है, जहां से रोडशो शुरू होगा. भाजपा नेताओं का मानना है कि रोड शो का यह रूट जानबूझकर चुना गया है, जिससे शत्रुघ्न सिन्हा को उनकी औकात बताई जाए. उन्हें इस बात का अहसास कराया जाए कि इससे पूर्व दो चुनाव में उन्हें जो वोट मिले थे, वे भारतीय जनता पार्टी के परंपरागत वोट थे. अभी भी पार्टी के पास इतनी शक्ति है कि वह उनके घर के सामने से एक-एक वोट ले जा सकती है.
'शाह के रोडशो में हिस्सा लेने के लिए युवा उत्साहित'
वहीं, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि रोडशो में हिस्सा लेने के लिए युवा उत्साहित हैं. इस सीट पर है देशभर की नजर भाजपा से बगावत करने वाले बिहारी बाबू अर्थात शत्रुघ्न सिन्हा पर टिकी हैं. उनके सामने एनडीए की तरफ से रविशंकर प्रसाद चुनावी मैदान में हैं. हालांकि, इस रोड शो के रूट पर शत्रुघ्न सिन्हा ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जब वे नामांकन करने गए थे, तब उन्होंने भी इसी रूट का चयन किया था. यहां यह भी बता दें कि रविशंकर प्रसाद शत्रुघ्न सिन्हा के लिए तल्ख भाषा का प्रयोग नही करते हैं. लेकिन जनता को ये याद दिलाना नहीं भूलते की 22 साल राज्यसभा और लोकसभा में रहने के बाद भी महागठबंधन उम्मीदवार ने न तो पटना साहिब के लिए कुछ किया और न ही अपनी पुरानी पार्टी भाजपा के लिए. इस लिए रविशंकर प्रसाद बार-बार यही कहते हैं कि वह पटना साहिब की आवाज बनेंगे.
पटना की आवाज संसद तक नहीं पहुंची
रविशंकर प्रसाद केन्द्र सरकार के भी प्रवक्ता रहे और भाजपा के भी. केंद्र में मोदी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री हैं. इस लिए पटना साहिब और बिहार के लिए उन्होंने डिजिटल इंडिया क्षेत्र में खासा योगदान दिया. रविशंकर प्रसाद आरोप लगाते हैं कि लोकसभा में शत्रुघ्न सिन्हा ने कभी न कोई सवाल पूछा और न ही पटना से जुड़े मुद्दे उठाए. यानी पटना की आवाज संसद तक नहीं पहुंची. लेकिन मंत्री के तौर पर वो लोगों का दर्द बांटते रहे. इसलिये वह राज्यसभा में भले ही रहे हों, लेकिन वह लोगों से हर वक्त जुड़े रहे. रविशंकर प्रसाद को पटना के निवासी रवि भैया के नाम से बुलाते हैं. पटना उनकी जन्म भूमि और कर्म भूमि भी रही है. 2 महीने में वो 100 से ज्यादा सभाएं कर चुके हैं और 125 गांवों का दौरा कर चुके हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने 4 सालों में जमकर पीएम पर निशाना
यहां बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने मोदी-शाह जोड़ी पर पिछले 3 से 4 सालों में जमकर निशाना साधा है. टिकट तो कट गया लेकिन वह 'खामोश; नहीं हुए. लेकिन पटना साहिब चुनाव की खासियत यह है की दोनो उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ तल्ख भाषा का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि उन्होंने गलत किया तो पार्टी ने टिकट काट दिया, लेकिन उनके खिलाफ न कभी बोला है और न बोलेंगे. एक बात भाजपा के कार्यकर्ता सब कह रहे हैं कि अब पटना की आवाज खामोश नहीं होगी बल्कि सीधे मोदी जी के कान में कहने वाला नेता ही चुना जाएगा.
भाजपा की परंपरागत सीट रही है पटना साहिब
पटना अरसे से भाजपा की परंपरागत सीट रही है. इसलिए भाजपा को भरोसा है कि 'शत्रु' के हाथ जीत नहीं लगने वाली. ये सुनिश्चित करने के लिए खुद अमित शाह के अलावे स्मृति ईरानी प्रचार करने आ रही हैं. योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य भी सभा करने आ रहे हैं. जाहिर है कि भाजपा आलाकमान भी रवि बाबू की जीत में कोई कसर नही छोड़ना चाहता.