Lok Sabha Election 2024: मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र में बहती रही है समाजवादी और साम्यवादी विचारधारा, भाजपा ने खिलाया है कमल
By एस पी सिन्हा | Published: March 13, 2024 05:32 PM2024-03-13T17:32:51+5:302024-03-13T17:33:07+5:30
मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में हाल में जारी मतदाता सूची में जिले में मतदाताओं की संख्या 31 लाख 23 हजार 114 है। इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार जिले के 18 हजार से अधिक युवा वोटर वोट डाल सकेंगे।
पटना: मुजफ्फरपुर बिहार का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण शहर माना जाता है। इसे पूरे उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी भी माना जाता है। मुजफ्फरपुर लोक सभा क्षेत्र परंपरागत तौर पर कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है। हालांकि, समाजवादी और साम्यवादी विचारधारा भी बहती रही। इस सीट से कभी दिग्गज नेता जॉर्ज फर्नांडिस सांसद हुआ करते थे। जॉर्ज फर्नांडिस ने 1989 और 1991 में सांसद बने थे। देश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कांग्रेस नेताओं के अलावा समाजवादी विचारधारा के कई नेता मुजफ्फरपुर संसदीय सीट से चुने जाते रहे। अब तक 17 लोकसभा चुनावों में यहां से सर्वाधिक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यह लोकसभा सीट पर शुरू से ही कांग्रेस या भाजपा दबदबा रहा है।
इस लोकसभा क्षेत्र के कटरा, ओराई और गायघाट का कुछ इलाका बाढ़ प्रभावित है। जहां के लोगों को पुल नहीं होने के कारण नाव या चचरी के सहारे जीवन की चलता है। मुजफ्फरपुर शहर का बाबा गरीब नाथ और कटरा का चामुंडा देवी प्रमुख मंदिर होने के बाद ही विकास से कोसो दूर है। मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट में सवर्ण मतदाता सर्वाधिक हैं। इसके बाद इस सीट में अल्पसंख्यक, यादव और वैश्य मतदाता हैं।
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से अभी भाजपा के नेता अजय निषाद सांसद हैं। अजय निषाद ने विवेकशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार राज भूषण चौधरी को हराया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय निशाद ने वीआईपी के राज भूषण चौधरी को 4 लाख से ज्यादा (4,09,988) वोटों से हराया था। भाजपा उम्मीदवार अजय निषाद को मुजफ्फरपुर सीट पर 6,66,878 वोट मिले हुए थे। वीआईपी के उम्मीदवार को 2,56,890 वोट मिले हुए थे। करीब 10 लोगों ने नोटा का बटन दबाकर लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के प्रति नाराजगी जताई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से भाजपा के संजय निषाद ने जीत दर्ज की थी।
संजय निषाद को इस चुनाव में 4,69,295 वोट मिले हुए थे। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अखिलेश प्रसाद सिंह को 2,46,873 वोट मिले थे। वहीं, जदयू उम्मीदवार बिजेंद्र चौधरी को इस चुनाव में 85,140 वोट मिले थे। बड़ा क्षेत्र होने के कारण साल 1972 में मुजफ्फरपुर जिले के कई हिस्सों में बांट दिया गया था। जिसे विभाजित कर सीतामढ़ी और वैशाली जिले बनाये गये थे। फिर भी मुजफ्फरपुर जिले का क्षेत्रफल बड़ा है और कुल मिलाकर इस जिले के पास 11 विधानसभा क्षेत्र है। जिसमें 6 विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर लोक सभा क्षेत्र में आता है और बाकि 5 विधानसभा क्षेत्र वैशाली लोक सभा के खाते में है।
मुजफ्फरपुर लोक सभा क्षेत्र की पहचान रसीली शाही लीची और महिलाओं के लिए लाह से बनने लहठी से है। जिसकी चर्चा विदेशों में भी होती है। मुजफ्फरपुर लोक सभा क्षेत्र में मुजफ्फरपुर नगर के आलावा कुढ़नी, सकरा, गायघाट, औराई और बोचहा विधानसभा का क्षेत्र आता है। जातीय समीकरण कि बात करें तो सवर्ण मतदाता सबसे बड़ी संख्या में हैं। इसके बाद यादव, अल्पसंख्यक और वैश्य मतदाता का नंबर आता है।
इस लोक सभा सीट पर जनता पार्टी और भाजपा को दो-दो बार तो राजद को एक बार सफलता मिली। ललितेश्वर प्रसाद सिंह, दिग्विजय नारायण सिंह, श्यामनंदन मिश्रा, जॉर्ज फर्नांडिस, कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद, उषा सिंह केंद्रीय राजनीति में बड़े नाम रहे। मुजफ्फरपुर संसदीय क्षेत्र में हाल में जारी मतदाता सूची में जिले में मतदाताओं की संख्या 31 लाख 23 हजार 114 है। इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार जिले के 18 हजार से अधिक युवा वोटर वोट डाल सकेंगे।