Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव, अखिलेश यादव ने की पेशकश
By रुस्तम राणा | Published: September 17, 2022 09:27 PM2022-09-17T21:27:21+5:302022-09-17T21:31:02+5:30
नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे खुद उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने की पेशकश की गई है। यह पेशकश समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने की है। यहां बताते चलें दें कि नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे खुद उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को राज्य में अपनी पसंद की किसी भी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है और साथ ही उन्होंने बिहार के सीएम को अपनी पार्टी (सपा) के समर्थन का वादा किया है। यह भी पता चला है कि फूलपुर में जनता दल (यूनाइटेड) के कई कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार से निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग की है।
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने रविवार को संकेत दिया कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं क्योंकि उन्हें न केवल फूलपुर से, बल्कि अंबेडकर नगर और मिर्जापुर लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने की पेशकश की गई है।
उन्होंने कहा, "स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए कुछ भी नहीं है। नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह सही समय पर ही तय किया जाएगा, लेकिन नीतीश कुमार को अंबेडकर नगर और मिर्जापुर से भी लोकसभा चुनाव लड़ने की पेशकश की गई है। जदयू के शीर्ष नेता ने कहा, यह परिणाम है विपक्षी दलों को एकजुट करने के अपने मिशन के बारे में कि पार्टी कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ना चाहिए।"
ललन सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश 2024 के चुनावों के लिए चुनावी रूप से महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि इसमें सबसे अधिक लोकसभा सीटें हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीजेपी के उत्तर प्रदेश से 65 सांसद हैं और अगर अखिलेश यादव और नीतीश कुमार समेत अन्य विपक्षी दल साथ आते हैं तो इससे भाजपा की सीटों पर असर पड़ सकता है।