Lok Sabha Election 2024: "एनआईए पर हमला, 'बुआ-भतीजा' की कोई नई बात नहीं है", सुवेंदु अधिकारी का ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पर हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 8, 2024 02:36 PM2024-04-08T14:36:47+5:302024-04-08T14:47:53+5:30
सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी द्वारा एएनआई पर किये गये हमले का विरोध करते हुए कहा कि 'बुआ-भतीजा' अक्सर केंद्रीय जांच एजेंसियों का विरोध करते रहते हैं।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की बेहद कड़ी निंदा की है। सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग का आरोप लगाने पर कहा 'बुआ-भतीजा' बहुत समय से ऐसी बातें कह रहे हैं।
सुवेंदु अधिकारी ने बीते रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "बुआ-भतीजा का आरोप राजनीति से प्रेरित और झूठा है। यह कोई नई बात नहीं है कि 'बुआ-भतीजा' मिलकर एनआईए पर हमला कर रहे हैं। वे पिछले तीन सालों से ईडी और सीबीआई पर भी ऐसे ही हमला कर रहे हैं।"
अधिकारी ने आगे कहा, "2021 में जब कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, तो ममता बनर्जी ने खुद निज़ाम पैलेस में विरोध प्रदर्शन किया था। जब राजीव कुमार के घर पर छापा मारा गया तो उन्होंने धर्मतला में विरोध प्रदर्शन किया। उनकी आदत है ऐसा करने की। वे केंद्रीय एजेंसियों को रोक रहे हैं क्योंकि वे भ्रष्ट लोगों की रक्षा करना चाहती हैं।"
उन्होंने एनआईए का बचाव करते हुए कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी पर हमले का मतलब संविधान पर हमला है। अधिकारी ने कहा, "एनआईए देश की रक्षा के लिए काम करती है। जो ताकतें राष्ट्र विरोधी हैं, चाहे वह पीएफआई हो, हिजबुल मुजाहिदीन हो। संसद ने आतंकियों के केस के पड़ताल की जिम्मेदारी एनआईए को दी है। एनआईए पर हमला करने का मतलब संविधान और उच्च न्यायपालिका पर हमला करना है।"
वहीं एनआईए ने कहा कि उसकी टीम शनिवार को जब जांच के सिलसिले में नरूआबिला गांव में तलाशी लेने गई थी तो उस पर अनियंत्रित भीड़ ने हिंसक हमला किया था। अधिकारी ने आगे सुझाव दिया, "एनआईए कर्मियों पर हमले को सीबीआई को स्थानांतरित किया जाना चाहिए। दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।"
अधिकारी ने ममता बनर्जी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा, ''ममता बनर्जी हर साल राम नवमी से पहले ध्रुवीकरण करती हैं। जब सनातनियों की बात आती है, तो ममता बनर्जी आग लगा देती हैं। यही कारण है कि राम भक्तों को पिछले साल दलखोला, शिबपुर, हावड़ा और रिशरा में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।''
चुनाव आयोग से धार्मिक अनुष्ठान करने की इजाजत मांगते हुए बीजेपी नेता ने कहा, 'इस बार चुनाव चल रहे हैं, आदर्श आचार संहिता लागू है, राज्य में सीएपीएफ है, भारत चुनाव आयोग को हमें इसकी इजाजत देनी चाहिए' हमारे धार्मिक संस्कार शांतिपूर्ण ढंग से करें।”
अधिकारी ने अल्पसंख्यक समुदाय से ममता बनर्जी के जाल में नहीं फंसने और राज्य में आगामी उत्सवों के दौरान शांति से रहने को भी कहा। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, "मैं अल्पसंख्यकों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे ममता बनर्जी के जाल में न फंसें और शांति रखें। कुछ दिनों बाद ईद है, उसके बाद बंगाली नव वर्ष और फिर राम नवमी है। हम एक साथ जश्न मनाएंगे।"