लोकसभा चुनावः सामूहिक दुष्कर्म जैसे मुद्दों पर राजनीति, क्या राजस्थान में सरकार गिराना चाहते हैं पीएम मोदी?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 14, 2019 05:17 PM2019-05-14T17:17:39+5:302019-05-14T17:17:39+5:30
बसपा प्रमुख मायावती ने अलवर गैंग रेप कांड पर कहा है कि उचित कार्रवाई नहीं होने पर वह राजनीतिक फैसला लेंगी. मायावती ने पीएम मोदी पर गुजरात के ऊना कांड और रोहित वेमुला मामले में उनके नजरिए पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया?
राजस्थान में मतदान समाप्त हो गया है. प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी, सीएम अशोक गहलोत के लिए अमर्यादित बयान देते रहे, लेकिन अब अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार के दौरान वे राजस्थान सरकार पर क्यों निशाना साध रहे हैं? क्या राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराना चाहते हैं मोदी?यूपी की एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अलवर में हुए दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में मायावती को सियासी चुनौती दी कि- बीएसपी के सहयोग से चलने वाली राजस्थान की कांग्रेस सरकार से मायावती को तुरंत ही अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए?
मायावती ने भी दिया पीएम मोदी को जवाब
यह बात अलग है कि इसके जवाब में मायावती ने कहा कि- प्रधानमंत्री को दलित महिला के साथ हुए सामूहिक अत्याचार के मामले में घृणित राजनीति नहीं करनी चाहिए! प्रधानमंत्री मोदी के अलवर गैंगरेप कांड पर चुप्पी साधने की ओर इशारा किया, तो बसपा प्रमुख मायावती ने जवाब दिया किया कि- उचित कार्रवाई नहीं होने पर वह राजनीतिक फैसला लेंगी. साथ ही, मायावती ने पीएम मोदी पर गुजरात के ऊना कांड और रोहित वेमुला मामले में उनके नजरिए पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया?
इधर, इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कई ट्वीट करके पीएम मोदी को जवाब दिया, उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री मोदी जी राजस्थान को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं, वो तर्कसंगत नहीं है. उनकी पीड़ित परिवार से सहानुभूति रखने से ज्यादा इस घटना से राजनीतिक लाभ उठाने की मंशा है. चुनाव में लाभ लेने के लिये वे इस मामले को तूल दे रहे हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर पीएम मोदी के लिए कही ये बात
पीएम मोदी पर जवाबी हमला करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि- थानागाजी प्रकरण में समाचार पत्रों की खबरों के अनुसार बीजेपी के पूर्व मंत्री ने पीड़िता के परिवार के दुख-दर्द को न समझते हुए अमानवीयता की पराकाष्ठा को दर्शाते हुए संवेदनहीनतापूर्वक प्रकरण को दबाने के लिये सौदेबाजी का प्रयास किया, जबकि पीएम इसे दबाने का आरोप राज्य सरकार पर लगा रहे हैं.
सीएम गहलोत का कहना है कि- यह घटना बहुत दुखद है, परन्तु इस पर सियासत करना अत्यन्त ही निन्दनीय है. राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार को, ऐसी घटनाओं को रोकना सभी का दायित्व है. पीड़ित परिवार की व्यथा को समझे बिना चुनावी लाभ लेने का प्रयास करना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है.
साथ ही उनका यह भी कहना है कि- गत भाजपा शासन में महिला अत्याचार, नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार की बाढ़ आई हुई थी. आम जन की सुनवाई नहीं होती थी. ऐसे कई मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई और आम जन को राहत नहीं मिल पाई, जबकि हमारी सरकार बनते ही, जब भी कोई मामला सामने आता है तो कठोर कार्यवाही की जाती है.
सीएम गहलोत का कहना है कि- अब मोदी जी जहां जा रहे हैं, कोई-न-कोई बात को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री को टारगेट करते हैं और तो और थानागाजी प्रकरण को लेकर भी उनके पास में कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने सरकार पर जिस प्रकार से आरोप लगाए वे राजनीतिक आरोप है, चुनाव जीतने के हथकंडे के तौर पर उनको देखा जा रहा है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी ऐसे बयान दे कर गैर-भाजपाई दलों में दरार डालना चाहते हैं, ताकि समय आने पर राजस्थान जैसी गैर-भाजपाई सरकारों को गिराया जा सके, हालांकि राजस्थान में तो कम-से-कम ऐसा इसलिए संभव नहीं है कि यहां कांग्रेस के पास बहुमत है और कांग्रेस को कई निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है.