वैशाली लोकसभा सीटः महागठबंधन से रघुवंश प्रसाद सिंह के सामने राजग की बीणा देवी, उपेक्षा से आहत स्थानीय लोग, सभी दल से नाराज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 1, 2019 06:10 PM2019-05-01T18:10:49+5:302019-05-01T18:10:49+5:30

वैशाली में लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला विपक्षी महागठबंधन से राजद के प्रमुख नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और राजग से लोजपा उम्मीदवार बीणा देवी के बीच है। 2014 में इस सीट पर लोजपा के रामा किशोर सिंह ने राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को पराजित किया था। इस बार लोजपा ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सिंह यहां से पांच बार सांसद रहे हैं।

lok sabha election 2019 Vaishali Lok Sabha Constituency, is one of 40 Lok Sabha constituencies in the eastern state of Bihar and will cast its vote in the 2019 election on May 12. | वैशाली लोकसभा सीटः महागठबंधन से रघुवंश प्रसाद सिंह के सामने राजग की बीणा देवी, उपेक्षा से आहत स्थानीय लोग, सभी दल से नाराज

कौन जीतेगा वैशाली रण, एनडीए या महागठबंधन।

Highlightsवैशाली लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान है। मुख्य मुकाबला महागठबंधन और राजग के बीच है।स सीट पर यादव और राजपूत मतदाताओं की खासी संख्या है। साथ ही चुनाव परिणाम पर भूमिहार और अति पिछड़े मतदाताओं के वोटों का भी असर रहता है। 

भारत में लोकतंत्र की सबसे प्राचीन विरासत के अवशेष संजोए वैशाली के कई मतदाताओं को इस बात की कसक है कि राजनीतिक नेताओं को न तो इस क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक ढांचे को दुरुस्त करने में कोई रुचि है और न ही वे यहां के प्राचीन लोकतांत्रिक इतिहास को लेकर देश के आम आदमी कोई उत्साह जगा पा रहे हैं। यहां पर छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान है।

वैशाली में लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला विपक्षी महागठबंधन से राजद के प्रमुख नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और राजग से लोजपा उम्मीदवार बीणा देवी के बीच है। 2014 में इस सीट पर लोजपा के रामा किशोर सिंह ने राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को पराजित किया था। इस बार लोजपा ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सिंह यहां से पांच बार सांसद रहे हैं।

लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच वैशाली के लोग सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों की जनता से जुड़े मुद्दों पर प्रतिबद्धता को लेकर सवाल उठा रहे हैं । वैशाली के बसैठा कस्बे के एक सरकारी स्कूल के बच्चे यह तो जानते हैं कि अभी चुनाव चल रहे हैं किंतु उन्हें ‘लोकतंत्र’ के बारे में कोई बहुत अधिक जानकारी नहीं है।

बदलाव के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि सड़क अच्छी बन गई

सरैया में एक सरकारी मिडिल स्कूल के एक छात्र से जब क्षेत्र में हुए बदलाव के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, “सड़क अच्छी बन गई। एक बालिका नें उत्तर दिया “आज कल लाइन (बिजली) बहुत देर तक रहती है”। कमलपुरा गांव के सेवानिवृत शिक्षक रामाश्रय शर्मा कहते हैं कि भगवान महावीर और भगवान बुद्ध की चरण रज से पवित्र हो चुकी वैशाली अब अपने प्राचीन वैभव का अंश भी नहीं रह गयी है।

शर्मा ने कहा कि ढाई हजार वर्ष पुराने इस नगर के प्राचीन अवशेषों को देखकर सहसा यह सवाल उठता है कि दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र का एक आम आदमी दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र (वैशाली) की झलकियाँ देखने बूझने के लिए क्यों उत्साहित नहीं होता ? शिक्षाविद जीयन राय कहते हैं कि इस बार चुनाव में बेगूसराय सीट पर विद्वानों का जमावड़ा लगा रहा लेकिन दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र वैशाली की याद क्यों नहीं आई ?

हमारे इलाके में तो चुनाव में भी कोई बड़ा नेता नहीं आता

जैंतपुर के मनोज पासवान कहते हैं कि हमारे इलाके में तो चुनाव में भी कोई बड़ा नेता नहीं आता। इस क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि कम से कम इस चुनाव के बाद सरकार वैशाली को लोकतांत्रिक इतिहास की शिक्षास्थली के रूप में मान्यता प्रदान करेगी। सैकड़ों वर्ष लिच्छवियों ने प्रजातात्रिक आदर्शों के आधार पर इस प्राचीन नगर की नींव गंगा तट पर रखी थी, जिसे आज भी वैशाली के नाम से जाना जाता है।

तब प्रत्येक निर्णय सभागृह में बहुमत से लिये जाते थे तथा इस प्रक्रिया में उम्र और पद का तब कोई भेदभाव न था। उस समय बज्जि संघ एक राजा नहीं अपितु बहुत से अधिकार सम्पन्न गणों द्वारा शासित साम्राज्य था। वैशाली में ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि यहां खुदाई से जो दृश्य उभरे हैं, उससे यह प्रतीत होता है कि गढ़ के आसपास चारों तरफ बस्तियां रही होंगी, जहां उत्तम जन-सुविधाएं रही होंगी।

इस क्षेत्र में परिसर में प्रवेश करते ही खुदाई में मिला ईंटों से निर्मित गोलाकार स्तूप और अशोक स्तम्भ है। इस स्तम्भ के ऊपर घंटी के आकार की बनावट है तथा इसकी उँचाई लगभग 18.3 मीटर है। वैशाली में राजा विशाल के किले के कुछ अवशेष खुदाई में मिले हैं। कहा जाता हैं कि इस किले की स्थापना इक्ष्वाकु-वंश में उत्पन्न विशाल नामक राजा ने की थी। इसी वजह से इस नगर का एक दूसरा नाम विशाला भी था। इस सीट पर यादव और राजपूत मतदाताओं की खासी संख्या है। साथ ही चुनाव परिणाम पर भूमिहार और अति पिछड़े मतदाताओं के वोटों का भी असर रहता है। 

Web Title: lok sabha election 2019 Vaishali Lok Sabha Constituency, is one of 40 Lok Sabha constituencies in the eastern state of Bihar and will cast its vote in the 2019 election on May 12.



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