लोकसभा चुनाव: उपेन्द्र कुशवाहा अपने बयान से पलटे, कहा- 'खून की नदियां बहेंगी मैंने कभी नहीं कहा था'
By एस पी सिन्हा | Published: May 22, 2019 04:51 PM2019-05-22T16:51:00+5:302019-05-22T16:51:00+5:30
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के हिंसा की धमकी और रिजल्ट लूट का बयान देने के बाद एक ओर जहां हर तरफ उनकी आलोचना हो रही है, वहीं बिहार में पुलिस को अलर्ट भी कर दिया गया है.
रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा आज अपने उस बयान से पलट गये, जो मंगलवार को उन्होंने दिया था. अब कुशवाहा ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि खून की नदियां बहेंगी मैंने कभी नहीं कहा था. मेरा मतलब था कि जनता में आक्रोश बढ़ रहा है और अगर कुछ भी गड़बड़ करेंगे तो जनता उसका जवाब देगी.
उन्होंने कहा कि जनता के आक्रोश को रोकना मुश्किल होगा. और इसके जिम्मेदार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारत के प्रधानमंत्री होंगे. यहां बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा के हिंसा की धमकी और रिजल्ट लूट का बयान देने के बाद एक ओर जहां हर तरफ उनकी आलोचना हो रही है, वहीं बिहार में पुलिस को अलर्ट भी कर दिया गया है.
यहां बता दें कि मंगलवार को महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में धमकी देते हुए कहा था कि वोट की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो हथियार भी उठाना चाहिए और बिहार की सड़कों पर खून की नदियां बहेंगी. कुशवाहा ने भाजपा पर हमला बोलते कहा था कि चुनाव जीतने के लिए सारे कर्म किए हैं. हर तरह के हथकंडे अपनाए हैं.
कुशवाहा ने आगे कहा था कि एक्जिट पोल भी उसी रणनीति का हिस्सा है जिसे मैं सिरे से खारिज करता हूं. हिंदुस्तान में पहली बार रिजल्ट लूट किया जा रहा है. भाजपा का कुछ भी नहीं चलने वाला है. महागठबंधन की बढ़त है और महागठबंधन बिहार में जीत रहा है. जनता के बीच भाजपा के खिलाफ आक्रोश है, लोगों का आक्रोश है और सडकों पर खून बहेगा.
उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर पलटवार करते हुए चिराग पासवान सहित कई नेताओं ने बयान दिया है. चिराग पासवान ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा के बयान को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है और खास तौर पर प्रशासन को उन पर नजर रखने की ज़रूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देकर वह भावनाओं को आहत कर रहे हैं और लोगों को भडकाने का काम कर रहे हैं. यह बयान जाहिर करता है की हार से हताश होकर वह इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं. कम से कम उपेंद्र कुशवाहा को कुछ भी कहने से पहले 10 बार सोच लेना चाहिए था.