लोकसभा चुनावः पटना साहिब सीट पर रविशंकर-शत्रुघ्न नहीं नरेंद्र मोदी और लालू यादव की साख कसौटी पर

By भाषा | Published: May 10, 2019 03:56 PM2019-05-10T15:56:35+5:302019-05-10T15:56:35+5:30

पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इन विधानसभा सीटों में बख्तियारपुर, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, दीघा और फतुहा सीटें शामिल हैं। इनमें पांच सीटें भाजपा के पास है। सिर्फ फतुहा सीट राजद के पास है।

lok sabha election 2019 The minister was nominated from Patna Sahib Lok Sabha seat in place of sitting MP and then rebellious BJP leader Shatrughan Sinha. Later, Sinha quit BJP and joined Congress. They are now contesting against each other. | लोकसभा चुनावः पटना साहिब सीट पर रविशंकर-शत्रुघ्न नहीं नरेंद्र मोदी और लालू यादव की साख कसौटी पर

पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इन विधानसभा सीटों में बख्तियारपुर, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, दीघा और फतुहा सीटें शामिल हैं।

Highlightsरविशंकर प्रसाद अब तक दिल्ली की राजनीति करते रहे हैं तो शत्रुघ्न सिन्हा भी पटना में चुनाव के वक्त ही दिखाई देते हैं।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पटना साहिब सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा रहा है।

बिहार में कई मायनों में अति प्रतिष्ठित पटना साहिब लोकसभा सीट का चुनाव इस बार भी राज्य ही नहीं पूरे देश की उत्सुकता का केन्द्र बना हुआ है। यहां के दोनों कद्दावर प्रत्याशी राजद के शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा के रविशंकर प्रसाद भले ही एक ही जाति से आते हैं किंतु स्थानीय मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग इसे एक ऐसे चुनाव के रूप में ले रहे हैं जिस पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद का प्रभाव एवं मोदी फैक्टर की साख कसौटी पर है।

पटना साहिब में चाय की दुकान चलाने वाले संतोष यादव का कहना है कि ‘‘चुनाव में तो ऐसा है कि वोट पड़ने के बाद ही कुछ कह सकते हैं, लेकिन इस सीट पर फूल (भाजपा) मजबूत है । वैसे भी लालू जी बिहार के नेता हैं और मोदी जी देश के।’’ यह टिप्पणी सिर्फ संतोष यादव की ही नहीं है बल्कि बांकीपुर, कुम्भरार से लेकर पटना साहिब तक एक बड़े वर्ग की यही राय है।

बांकीपुर में लाई मूड़ी भूंजा का ठेला लगाने वाले रामोतार पासवान कहते हैं कि कौन चुनाव लड़ रहा है, इससे मतलब नहीं है। भाजपा माने तो मोदीजी ही है न। उन्होंने कहा कि लालू जी भी काम किये, अब उनके लड़कन (लड़के) लोग हैं। देखिये कौन जीतता है।

शत्रुघ्न सिन्हा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से

इस सीट पर वर्तमान सांसद एवं कांग्रेस प्रत्याशी सिनेस्टार शत्रुघ्न सिन्हा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद से है। पटना साहिब सीट देश की उन चुनिंदा सीटों में एक हैं, जहां कायस्थ मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

भाजपा ने इस सीट पर पार्टी से असंतुष्ट रहने वाले शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट इस बार काट दिया और उन्हीं की जाति से संबंध रखने वाले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को टिकट दिया है। इसके बाद सिन्हा भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

पटना साहिब पर सिन्हा को महागठबंधन का समर्थन हासिल है, जिसमें लालू प्रसाद की अगुवाई वाला राजद भी शामिल है। पटना साहिब सीट का गठन वर्ष 2008 में नए परिसीमन के तहत हुआ था। इसके बाद से यहां पर दो लोकसभा चुनाव हुए हैं। दोनों ही बार भाजपा के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा सांसद चुने गए।

पटना साहिब सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पटना साहिब सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा रहा है। लगभग पांच लाख से ज्यादा कायस्थों के अलावा यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की भी खासी संख्या है। सामान्य तौर पर यहां के कायस्थ वोटरों का झुकाव भाजपा की तरफ माना जाता है।

इस बार चुनाव मैदान में दोनों ही तरफ बड़े कायस्थ चेहरे खड़े होने की वजह से वोट बंटने के कयास लगाए जा रहे हैं। जदयू के साथ होने की वजह से रविशंकर प्रसाद को कुर्मी और अतिपिछड़ा वोटों का भी लाभ हो सकता है। कुम्हरार के नवीन सिन्हा का कहना है कि अगर रविशंकर प्रसाद अब तक दिल्ली की राजनीति करते रहे हैं तो शत्रुघ्न सिन्हा भी पटना में चुनाव के वक्त ही दिखाई देते हैं।

गौरतलब है कि रविशंकर प्रसाद के पिता ठाकुर प्रसाद जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस क्षेत्र के विकास के लिए उनका एजेंडा स्पष्ट है। यहां सड़कों को लगातार दुरूस्त किया जा रहा है। इसके अलावा पटना मेट्रो की आधार शिला रखी जा चुकी है और इसका विस्तार किया जायेगा।

पटना को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है जिसमें बीपीओ और स्टार्टअप भी हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा में उन्होंने लोकशाही को धीरे-धीरे तानाशाही में परिवर्तित होते देखा है। ‘‘इस बार लोग बदलाव को तैयार हैं, अगर कोई मुगालते में है, तो उसे रहने दें ।’’

पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इन विधानसभा सीटों में बख्तियारपुर, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, दीघा और फतुहा सीटें शामिल हैं। इनमें पांच सीटें भाजपा के पास है। सिर्फ फतुहा सीट राजद के पास है।

2008 में परिसिमन से पहले पटना सीट पर 1952 से 1962 तक कांग्रेस तथा 1967 एवं 1971, 1980 में सीपीआई ने जीत दर्ज की । 1977 में जनता दल, 1984 में कांग्रेस जीती । 1989 में पहली बार भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की । 1991 एवं 1996 में जनता दल तथा 1998 एवं 1999 में यह सीट भाजपा की झोली में गई । 2004 में यह सीट राजद के खाते में गई । 

Web Title: lok sabha election 2019 The minister was nominated from Patna Sahib Lok Sabha seat in place of sitting MP and then rebellious BJP leader Shatrughan Sinha. Later, Sinha quit BJP and joined Congress. They are now contesting against each other.



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