लोकसभा चुनावः दक्षिण राजस्थान की राजनीतिक तस्वीर बदल पाएंगे मोदी और राहुल! 

By प्रदीप द्विवेदी | Published: April 21, 2019 07:08 PM2019-04-21T19:08:44+5:302019-04-21T19:08:44+5:30

राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाएं 21 अप्रैल से शुरू हो रही हैं, तो राहुल गांधी भी 23 अप्रैल को बेणेश्वर धाम, बांसवाड़ा-डूंगरपुर से चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे. पीएम मोदी 21 अप्रैल को चित्तौडगढ़ और 22 अप्रैल को उदयपुर में सभाओं को संबांधित करेंगे.

lok sabha election 2019: south rajasthan lok sabha seat congress vs BJP | लोकसभा चुनावः दक्षिण राजस्थान की राजनीतिक तस्वीर बदल पाएंगे मोदी और राहुल! 

लोकसभा चुनावः दक्षिण राजस्थान की राजनीतिक तस्वीर बदल पाएंगे मोदी और राहुल! 

राजस्थान में पहले चरण के मतदान की तारीख ज्यों-ज्यों करीब आ रही है त्यों-त्यों स्टार प्रचारकों की सभाओं की जानकारी भी सामने आ रही है. इसी हफ्ते दक्षिण राजस्थान में पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभाएं हैं.

राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाएं 21 अप्रैल से शुरू हो रही हैं, तो राहुल गांधी भी 23 अप्रैल को बेणेश्वर धाम, बांसवाड़ा-डूंगरपुर से चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे. पीएम मोदी 21 अप्रैल को चित्तौडगढ़ और 22 अप्रैल को उदयपुर में सभाओं को संबांधित करेंगे.

इन सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर

दक्षिण राजस्थान में बीटीपी के उदय के बाद यहां का सियासी समीकरण बदल चुका है और वर्तमान राजनीतिक हालात में जहां बीजेपी के लिए पिछले लोस चुनाव में जीती चार सीटें बचाने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस के लिए भी ये सीटें हांसिल करना आसान नहीं है. क्योंकि, दक्षिण राजस्थान में कोई भी सीट कांग्रेस के पास नहीं है, इसलिए हर सीट पर जीत कांग्रेस का तो फायदा ही है. 

बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोक सभा सीट का इतिहास

लोस चुनाव 2014 में बांसवाड़ा-डूंगरपुर (एसटी) सीट बीजेपी के मानशंकर निनामा ने 91916 वोट से जीती थी, उदयपुर (एसटी) सीट बीजेपी के अर्जुन मीणा ने 236762 मतो से जीती थी, चित्तौड़गढ़ सीट बीजेपी के चन्द्र प्रकाश जोशी ने 316857 वोटों से जीती थी, तो राजसमंद सीट बीजेपी के ही हरिओम सिंह ने 395006 मतो से जीती थी.

बीटीपी का सर्वाधिक प्रभाव बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोस क्षेत्र पर है, तो उदयपुर लोस क्षेत्र में भी उसका असर है. चित्तौड़गढ़ लोस क्षेत्र में आंशिक असर है, तो राजसंमद में कोई खास प्रभाव नहीं है. जाहिर है, बांसवाड़ा-डूंगरपुर और उदयपुर की सीटें बचाना बड़ी चुनौती है, तो चित्तौड़गढ़ में भी जीत की राह आसान नहीं है। 

इन सीटों पर सीटें बनी बीजेपी-कांग्रेस के बीच जंग

पिछले विस चुनाव 2018 में दक्षिण राजस्थान में न तो बीजेपी को 2013 जैसी कामयाबी मिली थी और न ही कांग्रेस को भी अपेक्षित सफलता मिल पाई थी, इसीलिए दक्षिण राजस्थान की ये चार सीटें बीजेपी और कांग्रेस, दोनों के लिए बड़ा सवाल बनी हुई हैं.

हालांकि, पीएम नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभाओं के लिए दोनों ही पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता जोरशोर से जुटे हुए हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि मौसम की मार के चलते दोनों की सभाओं में कितनी भीड़ जुटती है और चुनावी नतीजों पर ये कितना असर डालती हैं?

Web Title: lok sabha election 2019: south rajasthan lok sabha seat congress vs BJP



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