उपेन्द्र कुशवाहा के 'खूनी बयान' के बाद पुलिस को किया गया अलर्ट, कानून -व्यवस्था बनाए रखने का दिया निर्देश
By एस पी सिन्हा | Published: May 22, 2019 05:51 PM2019-05-22T17:51:48+5:302019-05-22T17:51:48+5:30
उपेन्द्र कुशवाहा ने मंगलवार को पटना में लोगों से हिंसक अपील कर डाली थी. उन्होंने एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा था कि 'पहले बूथ लूट और अब रिजल्ट लूट' की तैयारी चल रही है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के द्वारा यह बयान दिये जाने पर कि लोकसभा चुनाव के नतीजों को सत्तारूढ़ राजग के पक्ष में करने के लिए हेराफेरी के प्रयास किये जाने पर 'जनाक्रोश के कारण सडकों पर खून की नदियां बह सकती हैं.' इस 'खूनी धमकी' वाले बयान पर बिहार पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है. पुलिस मुख्यालय ने पटना समेत बिहार के सभी जिलों को हर हाल में कानून -व्यवस्था बनाए रखने को कहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्देश में यह भी कहा गया है कि इसके लिए जो भी कडे़ कदम उठाए जा सकते हैं वे उठाए जाएं. एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने कहा है कि सभी मतगणना केंद्रों पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती गई है, लेकिन कहीं भी किसी तरह की हुई हिंसा तो इसके लिए उपेंद्र कुशवाहा सीधे तौर पर जिम्मेवार होंगे.
उन्होंने भरोसा दिया कि किसी भी तरह की हिंसक कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी और हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. विभिन्न जिलों के एसपी को यह निर्देश दिया गया है कि हर हाल में लॉ एंड ऑर्डर(कानून-व्यवस्था) बनी रहे इसके लिए कडे़ कदम उठाएं.
यहां बता दें कि कुशवाहा ने मंगलवार को पटना में लोगों से हिंसक अपील कर डाली थी. उन्होंने एग्जिट पोल को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा था कि 'पहले बूथ लूट और अब रिजल्ट लूट' की तैयारी चल रही है. अगर रिजल्ट लूट की घटना हुई तो महागठबंधन के नेताओं से आग्रह है कि हथियार भी उठाना हो तो उठा लें. सड़कों पर खून बहेगा.
इसके बाद अन्य राजनीतिक दलों की ओर से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और टकराव की स्थिति पैदा होने की आशंका जताई जा रही है. इसी के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने एहतियातन ये कदम उठाए हैं. लेकिन इतना जरूर है कि उपेन्द्र कुशवाहा के लापरवाही भरे बयान ने बिहार की राजनीति में अनावश्यक तनाव पैदा कर दिया है.
वहीं, पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा है कि आसन्न हार को देखते हुए विपक्षी महागठबंधन हताश हो चुका है और उसका बयान सशस्त्र विद्रोह के लिए उकसाने जैसा है. भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कुशवाहा की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया.