लोकमत एक्सक्लूसिव: नरेंद्र मोदी के लिए तलाशा जा रहा है नया घर, लोक सभा चुनाव के बाद की परिस्थिति के लिए तैयारी
By संतोष ठाकुर | Published: March 7, 2019 10:09 AM2019-03-07T10:09:26+5:302019-03-07T10:25:54+5:30
परंपरा के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री को उनकी पसंद का टाइप-8 का बंगला दिया जाता है। नए प्रधानमंत्री के चयन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नए बंगले में स्थानांतरित हो जाते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल खासकर दो बंगलों को चिन्हित किया है। इसमें एक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आवंटित किया गया 6ए, कृष्णा मेनन मार्ग का बंगला है।
भाजपा जहां एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का दावा कर रही है, वहीं, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव के बाद की परिस्थितियों को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत वह लुटियन की दिल्ली में टाइप-8 का बंगला चिन्हित कर रहा है। अगर मौजूदा प्रधानमंत्री फिर से इस पद पर आसीन नहीं हो पाते हैं, तो उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में वह बंगला दिया जा सके।
परंपरा के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री को उनकी पसंद का टाइप-8 का बंगला दिया जाता है। नए प्रधानमंत्री के चयन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री नए बंगले में स्थानांतरित हो जाते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल खासकर दो बंगलों को चिन्हित किया है। इसमें एक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को आवंटित किया गया 6ए, कृष्णा मेनन मार्ग का बंगला है। उनके निधन के बाद यह बंगला खाली हो गया है। इसके साथ ही 9 जनपथ का बंगला भी चिन्हित किया गया है। हालांकि, यह बंगला एक दशक से भी अधिक समय से किसी आवंटित नहीं किया गया है।
इसके पास ही संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी का बंगला है और उनकी सुरक्षा के लिहाज से इस बंगले को खाली रखा गया है। वैसे, तुगलक रोड पर भी एक बंगला चिन्हित किया गया है जो लंबे समय से शरद यादव के पास रहा है। इसके अलावा 30 जनवरी मार्ग और अकबर रोड पर भी बंगले चिन्हित किए गए हैं। हालांकि, कोई भी बंगला उसी समय आधिकारिक रूप से चिन्हित होगा जब कोई दूसरा नेता प्रधानमंत्री चुना जाता है। उसके बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री की पसंद के बंगले में उनकी इच्छा के मुताबिक मरम्मत कार्य आदि होगा। जब तक चिन्हित पसंद वाले बंगले का काम नहीं हो जाता है, उस समय तक नए चुने गए प्रधानमंत्री पीएमओ के अतिथि निवास में रहते हैं।
सामान्य आधिकारिक प्रक्रिया
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंहला चिन्हित करने की प्रक्रिया को उस रूप में नहीं देखा जाना चाहिए कि मौजूदा प्रधानमंत्री हार रहे हैं और उनके स्थान पर कोई और प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य आधिकारिक प्रक्रिया है, जब भी लोकसभा चुनाव होता है, तो केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय एहतियात के तौर पर यह कदम उठाता है। इसका मतलब हेता है कि अंतिम समय में किसी राजनीतिक उलटफेर की वजह से असहज स्थिति उत्पन्न न होने पाए।