लोकसभा चुनाव 2019: रामपुर का नवाब परिवार आजम खान का खेल बिगाड़ सकता है!
By विकास कुमार | Published: April 22, 2019 04:43 PM2019-04-22T16:43:45+5:302019-04-22T17:00:07+5:30
कांग्रेस ने रामपुर से नवाब परिवार के किसी सदस्य को टिकट न देकर संजय कपूर को उम्मीदवार बनाया है. ऐसा कहा जा रहा है कि ख़ुद आजम खान ने इसके लिए राहुल गांधी से आग्रह किया था.
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान कल होना है. पिछले कुछ दिनों से आजम खान की बदजुबानी का गवाह बना रामपुर संसदीय क्षेत्र में भी कल वोट डाले जायेंगे.
आजम खान अपनी सुनियोजित रणनीति पर ही आगे बढ़ रहे थे. ध्रुवीकरण होने की स्थिति में जया प्रदा के लिए राजनीतिक जमीन तलाशना मुश्किल हो सकता है लेकिन जया प्रदा भी रामपुर को उतना ही समझती हैं जितना आजम खान दावा करते हैं. ऐसे में जया प्रदा का चुनावी प्रबंधन भी इस दौरान आजम खान को बराबर चुनौती देता रहा.
मंदिर, मजार और गुरुद्वारे में माथा टेकना हो या पब्लिक रैली के दौरान जनता से भावनात्मक अपील करना हो, जया प्रदा ने एक मंझे हुए नेता के रूप में अपना चुनाव प्रचार किया है. रामपुर से 2004 से 2014 तक सांसद रह चुकी जया प्रदा क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों से भली-भांति परिचित हैं.
जया प्रदा ने हाल ही में एक रैली में कहा कि आजम खान उन पर तेज़ाब से हमला करवाना चाहते थे और इतना कहते ही फफक-फफक कर रोने लगीं. इसके बाद रैली में आजम खान मुर्दाबाद के नारे तैरने लगें.
रामपुर लोकसभा सीट पर मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और उनकी आबादी 51 प्रतिशत है. हिन्दुओं की तादाद 46 फीसदी है. 2014 में इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार डॉ नेपाल सिंह ने एसपी के प्रत्याशी नसीर अहमद खान को 23 हजार वोटों से हराया था. मुस्लिम वोटों की तादाद ज्यादा होने से आजम खान की उम्मीदवारी को ज्यादा मजबूत माना जा रहा है.
आजम खान के विरोधी
रामपुर में भी आजम खान के विरोधियों की एक लम्बी तादाद है. नूरानी मस्जिद को तोड़ने का आरोप स्थानीय लोग आजम खान पर ही लगाते हैं, जिसके कारण रामपुर क्षेत्र के मुस्लिम वोटरों के बीच एक बंटवारे की लकीर खींच चुकी है.
कांग्रेस ने रामपुर से नवाब परिवार के किसी सदस्य को टिकट न देकर संजय कपूर को उम्मीदवार बनाया है. ऐसा कहा जा रहा है कि ख़ुद आजम खान ने इसके लिए राहुल गांधी से आग्रह किया था. आजम खान और नवाब परिवार के बीच रामपुर में वर्चस्व की लड़ाई दशकों से जारी है.
आजम खान के समर्थकों की भी अच्छी खासी तादाद है लेकिन मीडिया रिपोर्ट में कई मुस्लिम वोटर जया प्रदा का नाम भी लेते दिख रहे हैं. कांग्रेस ने इस सीट से संजय कपूर को उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस का डमी कैंडिडेट
ऐसा माना जा रहा है कि सवर्ण हिन्दू को उम्मीदवार बना कर कांग्रेस बीजेपी के वोटों का बंटवारा चाहती है. लेकिन मुस्लिम वोटरों में आजम खान और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. रामपुर का नवाब परिवार हमेशा से आजम खान की मुखालफ़त करता रहा है.
कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण यह परिवार जया प्रदा के पक्ष में मुस्लिमों को लामबंद करने की कोशिश कर रहा है. पिछले चुनाव में कांग्रेस की तरफ से लड़ने वाले नवाब काजिम अली खान को 1 लाख 56 हजार वोट मिले थे.
रामपुर में ध्रुवीकरण की राजनीति भी चरम पर है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उर्दू गेट को तोड़ कर अपने मंसूबे पहले ही जाहिर कर दिए थे. आजम खान अपनी रैलियों में पीएम मोदी को मुसलमानों का हत्यारा बता रहे हैं. कूल मिला कर अपने वोटबैंक को साधने की पूरी कोशिश की जा रही है. लेकिन मौजूदा वक्त की राजनीति में वोटबैंक की प्रासंगिकता अपने आप में एक विवादित नैरेटिव है.