जेल में रहकर भी चुनाव में सक्रिय हैं लालू प्रसाद यादव, ऐसे ले रहे हैं सोशल मीडिया का सहारा

By एस पी सिन्हा | Published: May 15, 2019 03:01 PM2019-05-15T15:01:22+5:302019-05-15T15:01:22+5:30

जेल में रहने के कारण लालू यादव सोशल मीडिया का ज्यादा फायदा उठा रहे हैं. मोबाइल पर सक्रिय करोड़ों वोटरों तक लालू का संदेश आसानी से पहुंच जा रहा है. कुछ दिन पहले लालू के जेल से फोन करने का मामला भी उठा था.

lok sabha election 2019 :Lalu Prasad Yadav active social media in jail, opposition questioned | जेल में रहकर भी चुनाव में सक्रिय हैं लालू प्रसाद यादव, ऐसे ले रहे हैं सोशल मीडिया का सहारा

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव

Highlights ट्विटर पॉलिसी के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी को अपना एकाउंट संचालित करने की इजाजत दे सकता है. कई बड़े नेताओं के ट्विटर हैंडल एवं फेसबुक संचालित करने की जिम्मेवारी प्रोफेशनल टीम संभालती है.

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भले ही चारा घोटाला मामले में जेल में कैद हों, लेकिन इसके बावजूद उनकी राजनीतिक सक्रियता फेसबुक और ट्वीटर के जरिये जारी है। अर्थात जेल में रहने के बावजूद वह अपना जलवा इस चुनाव में दिखाते रहे हैं. लालू यादव जेल में रहकर भी रोज फेसबुक और ट्वीटर के जरिए, समर्थकों से बात और विरोधियों पर वार कर रहे हैं. वहीं, आखिरी दौर में वह और कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गए हैं.

जानकारों के अनुसार महागठबंधन की राजनीति अभी सोशल मीडिया के सहारे चल रही है. जेल अस्पताल से लालू ही नहीं, बल्कि बाहर रहते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और विधायक तेजप्रताप भी अपनी बात आम आदमी तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का जमकर सहारा ले रहे हैं. अभी हाल हीं में लालू यादव ने जेल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम खुला पत्र भी फेसबुक और ट्वीटर के जरिये शेयर किया था.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा- जेल से कैसे लिखी जा रही है चिट्ठी

इसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आपत्ति जताते हुए कहा था कि जेल से भी लोग कैसे चिट्ठी लिख रहे हैं, यह उनके समझ से परे की बात है. जबकि ऐसा कानून नही है. वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने जेल से सियासी खत लिखने को गैरकानूनी बताया है. नीरज के अनुसार बिहार जेल मैनुअल की धारा 999 के मुताबिक, कोई भी कैदी जेल से सिर्फ पारिवारिक पत्राचार ही कर सकता है. सियासी खत नहीं लिख सकता. नीरज ने निर्वाचन आयोग से भी लालू की शिकायत की है.

सुशील मोदी ने निर्वाचन आयोग से लालू के ट्वीट को लेकर की थी शिकायत 

इसके पहले उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी निर्वाचन आयोग से जेल में रहते हुए लालू के ट्वीट करने की शिकायत की थी. मोदी ने लालू पर सोशल मीडिया के जरिए चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया था. आयोग से पूछा था कि क्या किसी सजायाफ्ता कैदी को स्मार्टफोन, लैपटॉप और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं दी जानी चाहिए? लालू से सप्ताह में सिर्फ एक दिन मुलाकात की अनुमति है तो प्रतिदिन उनके विचारों को ट्विटर हैंडल चलाने वाले व्यक्ति तक कौन पहुंचा रहा है? हालांकि निर्वाचन आयोग ने इसे कार्रवाई लायक मानने से इनकार कर दिया था. अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अपने विश्वस्त के जरिए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करा सकता है. जेल से भी संदेश बाहर भेजवा सकता है, बशर्ते कि आपत्तिजनक बातें नहीं हो. आचार संहिता के उल्लंघन के मामले पर जांच की जा सकती है. 

जानकारों की अगर मानें तो कई बड़े नेताओं के ट्विटर हैंडल एवं फेसबुक संचालित करने की जिम्मेवारी प्रोफेशनल टीम संभालती है. ऐसे में जेल में रहने के कारण लालू यादव सोशल मीडिया का ज्यादा फायदा उठा रहे हैं. मोबाइल पर सक्रिय करोड़ों वोटरों तक लालू का संदेश आसानी से पहुंच जा रहा है. कुछ दिन पहले लालू के जेल से फोन करने का मामला भी उठा था.

जदयू ने आयोग से संज्ञान लेने का आग्रह किया था. लेकिन नियमों का हवाला देते हुए कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. वहीं, ट्विटर पॉलिसी के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा से किसी को अपना एकाउंट संचालित करने की इजाजत दे सकता है. इसी का फायदा उठाते हुए वरिष्ठ नेता अपने करीबियों के जरिए ट्विटर पर लगातार चहकते रहते हैं. इसतरह से लालू भले हीं जेल में हों लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से वह मतदाताओं तक पहुंच हीं जा रहे हैं. इससे उनके विरोधियों की परेशानी बढ जा रही है.

Web Title: lok sabha election 2019 :Lalu Prasad Yadav active social media in jail, opposition questioned



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