लोकसभा चुनाव 2019: जहानाबाद में RJD उम्मीदवार सुरेंद्र यादव का खेल बिगाड़ेंगे तेज प्रताप
By निखिल वर्मा | Published: May 13, 2019 01:16 PM2019-05-13T13:16:42+5:302019-05-13T13:24:09+5:30
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव महागठबंधन में टिकट बंटवारे से पहले अपने दो करीबी सहयोगियों जहानाबाद से चंद्र प्रकाश और शिवहर लोकसभा सीट से अंगेश को राजद द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के लिए दबाव बना रहे थे। हालांकि आरजेडी की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव ने उनकी बात नहीं मानी।
लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की कुल 40 सीटों में से 32 सीटों पर मतदान हो चुका है। 19 मई को जहानाबाद सहित बिहार में आठ संसदीय सीटों पर चुनाव होगा। जहानाबाद में आरजेडी के सुरेंद्र यादव, जेडीयू के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, वर्तमान सांसद अरुण कुमार और लालू-राबड़ी मोर्चा के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश के बीच मुकाबला है।
तेज प्रताप बिगाड़ेंगे खेल
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव महागठबंधन में टिकट बंटवारे से पहले अपने दो करीबी सहयोगियों जहानाबाद से चंद्र प्रकाश और शिवहर लोकसभा सीट से अंगेश को राजद द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के लिए दबाव बना रहे थे। हालांकि आरजेडी की कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव ने उनकी बात नहीं मानी।
इसके बाद तेजप्रताप यादव ने लालू-राबड़ी मोर्चा पार्टी से बिहार की चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे। हालांकि शिवहर सीट पर लालू-राबड़ी मोर्चा के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया। वहीं, सारण और जहानाबाद और हाजीपुर सीट से मोर्चा के उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं।
सुरेंद्र यादव को कहा तिलकुट चोर
तेज प्रताप यादव ने जहानाबाद सीट से अपने प्रत्याशी चंद्र प्रकाश के लिए चुनावी सभा में आरजेडी प्रत्याशी सुरेंद्र यादव पर हमला किया था। उन्होंने कहा था कि सुरेंद्र यादव तिलकुट चुराते हैं, वह जहानाबाद का विकास क्या करेंगे?
आरजेडी वोटों में लगाएंगे सेंध
जहानाबाद के घोसी विधानसभा के रहने वाले रामाधार यादव कहते हैं, तेज प्रताप के प्रत्याशी आरजेडी का ही वोट काटेंगे। रामाधार ने लोकमत से बातचीत में कहा, नुकसान आरजेडी का ही होगा लेकिन जीत-हार पर अंतर नहीं पड़ेगा।
जहानाबाद से लगातार दो बार हार चुके हैं सुरेंद्र यादव
जहानाबाद संसदीय सीट से आरजेडी ने विधायक सुरेंद्र यादव को टिकट दिया है। सुरेंद्र यादव इस सीट से एक बार 1998 में लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद उन्हें 1999, 2009 और 2014 लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
जहानाबाद से ही आरजेडी के पूर्व विधायक डॉक्टर मुनिलाल यादव सवाल उठाते हैं, लगातार दो चुनाव हारने वाले सुरेंद्र यादव को टिकट क्यों दिया गया? वो कहते हैं है कि यादव बहुल क्षेत्र होने के बावजूद सुरेंद्र यादव पार्टी को यह सीट जिताने में नाकाम रहे हैं।
तेज प्रताप के सहयोगी चंद्र प्रकाश के बारे में मुनिलाल कहते हैं, वो पढ़े लिखे युवा हैं। शहर में उनका बीएड कॉलेज भी है। चंद्र प्रकाश राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता चंद्रप्रकाश जिले के सबसे पुराने राजनीतिज्ञों में से एक प्रो. चंद्रिका यादव के सबसे छोटे पुत्र हैं। चंद्रिका यादव ने आपातकाल के बाद 1997 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर संसदीय चुनाव लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। चंद्रिका यादव का कुछ दिनों का नाता जेडीयू से भी रहा है।
लालू के विरासत पर दावा
जहानाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने खुद को बिहार का दूसरा लालू प्रसाद यादव बताया। पटना के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं, यह तेजप्रताप का बड़बोलापन है। तेजप्रताप के राजनीतिक बयानों का असर जनता पर नहीं पड़ने वाला है।
सुरेंद्र आगे कहते हैं, भले ही लालू यादव ने आधिकारिक रुप से तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी नहीं घोषित किया है लेकिन पार्टी का सारा काम तेजस्वी ही देख रहे हैं। जनता भी समझ रही है कि आरजेडी की कमान अब तेजस्वी के हाथों में है। अगर तेजप्रताप अलग राह अपनाते रहेंगे तो उनकी भी स्थिति तमिलनाडु में एमके अलागिरी की तरह हो सकती है।
रालोसपा (से) उम्मीदवार अरुण कुमार ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाया
सुरेंद्र यादव, चंद्रप्रकाश, चंद्रेश्वर चंद्रवंशी के अलावा वर्तमान सांसद अरुण कुमार भी चुनावी दौड़ में शामिल हैं। अरुण कुमार भूमिहार हैं और रालोसपा के ही अलग गुट से चुनाव लड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि वो एनडीए के वोट बैंक में ही सेंधमारी करेंगे।
वहीं, RJD उम्मीदवार के लिए चंद्रप्रकाश मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। एनडीए उम्मीदवार चंद्रेश्वर अतिपिछड़े जाति से आते हैं, उन्हें बीजेपी के वोट बैंक के अलावा नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण से आस है। जहानाबाद में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। स्थानीय लोग मुख्य मुकाबला आरजेडी और जेडीयू के बीच मान रहे हैं।
जहानाबाद में आरजेडी मजबूत
जहानाबाद संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं- अरवल, कुरथा, जहानाबाद, घोसी, अतरी और मकदूमपुर। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 4 आरजेडी ने, जबकि 2 सीटें जेडीयू ने जीतीं।