लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी के 'युवा तुर्क' तेजस्वी सूर्या की स्थिति बेंगलुरु दक्षिण में कितनी मजबूत है?

By विकास कुमार | Published: April 16, 2019 04:39 PM2019-04-16T16:39:04+5:302019-04-16T16:39:04+5:30

तेजस्वी सूर्या की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में उपजे असंतोष का नजारा उस वक्त देखने को मिला जब उनके नामांकन में बीजेपी का कोई भी स्थानीय विधायक नहीं पहुंचा. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने तेजस्विनी अनंत को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी.

lok sabha election 2019: How strong Tejaswi surya is from bangalore south | लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी के 'युवा तुर्क' तेजस्वी सूर्या की स्थिति बेंगलुरु दक्षिण में कितनी मजबूत है?

लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी के 'युवा तुर्क' तेजस्वी सूर्या की स्थिति बेंगलुरु दक्षिण में कितनी मजबूत है?

Highlightsअमित शाह खुद बैंगलोर गए और उन्होंने तेजस्वी सूर्या और तेजस्विनी अनंत के साथ रोड शो किया.अनंत कुमार इस सीट से 6 बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. 1991 से ही यह सीट बीजेपी के पास रहा है.

बेंगलुरु दक्षिण से बीजेपी उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या लोकसभा चुनाव 2019 के सबसे युवा उम्मीदवार हैं. उनकी उम्र 28 वर्ष है. तेजस्वी सूर्या के नाम के एलान के साथ ही उनका विरोध इस सीट पर शुरू हो गया था. बीजेपी के कद्दावर दिवगंत नेता अनंत कुमार इस सीट से 6 बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. 1991 से ही यह सीट बीजेपी के पास रहा है. 

अनंत कुमार के निधन के बाद उनकी पत्नी तेजस्विनी अनंत को इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाने की चर्चा जोरों पर थी लेकिन तेजस्वी सूर्या के नाम के बाद स्थानीय बीजेपी विधायकों के साथ-साथ लोगों में भी नाराजगी देखने को मिली थी. 

तेजस्वी सूर्या ने अपनी उम्मीदवारी के एलान के बाद आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा था कि ऐसा केवल बीजेपी में हो सकता है. मीडिया में ख़बरें चलीं कि तेजस्वी सूर्या की उम्मीदवारी पर मुहर अमित शाह ने ही लगाई थी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मुलाक़ात तेजस्वी सूर्या से राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान ही हो गया था. तेजस्वी सूर्या एक कुशल वक्ता हैं और इसी बात ने अमित शाह को प्रभावित किया था. 

अमित शाह का डैमेज कंट्रोल 

तेजस्वी सूर्या की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में उपजे असंतोष का नजारा उस वक्त देखने को मिला जब उनके नामांकन में बीजेपी का कोई भी स्थानीय विधायक नहीं पहुंचा. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इस बात को समझ गए थे और उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने के लिए तेजस्विनी अनंत को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी. 

अमित शाह खुद बैंगलोर गए और उन्होंने तेजस्वी सूर्या और तेजस्विनी अनंत के साथ रोड शो किया. इस रोड शो में कर्नाटक बीजेपी के तमाम बड़े नेता और स्थानीय विधायक मौजूद थे. रोड शो के जरिये स्थानीय वोटरों में पार्टी की एकता का प्रदर्शन किया गया. 

बेंगलुरु दक्षिण कर्नाटक का सबसे पढ़ा-लिखा और विकसित इलाका है. शहर के प्रबुद्ध लोगों का ठिकाना होने के कारण यह क्षेत्र विकास के मुद्दे पर ही वोट करता है. अनंत कुमार एक प्रगतिशील सोच के नेता थे और उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों के कारण यहां के लोगों ने उन्हें 6 बार संसद पहुंचाया. बीजेपी के युवा चेहरे के मुकाबले कांग्रेस ने अपने अनुभवी चेहरे बीके हरिप्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है.

तेजस्वी सूर्या की छवि 

तेजस्वी सूर्या की छवि भी पढ़े-लिखे और एक कुशल वक्ता के रूप में होती है लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया और तमाम मंचों पर मोदी विरोधियों को एंटी नेशनल कहते हुए भी उन्हें देखा जा सकता है. कुछ इसी तरह के भड़काऊ बयान उनकी छवि के नकारात्मक पहलु को भी उठाता है. 

हाल ही में एक टीवी डिबेट में बेगुसराय से कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार और तेजस्वी सूर्या के बीच बधाईयों का आदान-प्रदान सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया था. 

कन्हैया कुमार और तेजस्वी सूर्या जैसे नेता भारतीय राजनीति के भविष्य हैं ऐसे में इनकी चर्चा इन चुनावों में बड़े स्तर पर होना लाजिमी है. 

Web Title: lok sabha election 2019: How strong Tejaswi surya is from bangalore south