लोकसभा चुनावः गुड़गांव सीट पर मुकाबला भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आप-जेजेपी के बीच, कौन बनेगा बॉस
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 26, 2019 02:05 PM2019-04-26T14:05:28+5:302019-04-26T14:05:28+5:30
लोकसभा चुनाव 2019 में गुड़गांव सीट पर मुकाबला दिलचस्प है। हर दल के नेता प्रचार में जुट गए हैं। गुड़गांव लोकसभा सीट पर छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होगा।
लोकसभा चुनाव 2019 में गुड़गांव सीट पर मुकाबला दिलचस्प है। हर दल के नेता प्रचार में जुट गए हैं। गुड़गांव लोकसभा सीट पर छठे चरण के तहत 12 मई को मतदान होगा।
गुड़गांव सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी (आप)-जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच है। सभी दलों ने अपने-अपने मोहरे सेट कर दिए हैं। शतरंज की बिसात पर हर दल शह और मात चल रहे हैं।
12 को जनता यह तय करेगी की गुड़गांव सीट का बॉस कौन होगा। 20 लाख से अधिक मतों वाली गुड़गांव सीट पर पूरे हरियाणा की हमेशा नजर रहती है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुड़गांव लोकसभा सीट पर सभी राजनीतिक दलों की नजर होती है।
गुड़गांव लोकसभा सीट पर जातीय फैक्टर हर बार काम करता है। इस चुनाव में मुख्य रूप से मेवात में मेव, अहीरवाल में अहीर मुख्य भूमिका अदा करेंगे। इस चुनाव में दलित और ओबीसी की भूमिका भी कम नहीं रहेगी।
गुड़गांव में इस बार चुनाव अलग है। 2014 के मुकाबले में 2019 में अलग मुद्दे है। 2014 में मोदी लहर में गुड़गांव सांसद और भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह चुनाव जीते थे। इस बार भी भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार माहौल अलग है। वोटर शांत है। उम्मीदवार के नाम पर दो नए चेहरे मैदान में हैं।
गुड़गांव में कौन मारेगा बाजी
भाजपा ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को, कांग्रेस ने कैप्टन अजय सिंह यादव, आम आदमी पार्टी (आप)-जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने महमूद खान, आईएनएलडी (इनेलो) ने विरेंद्र राणा और बीएसपी ने रईस खान को टिकट दिया है। अब देखना है कि बाजी कौन मार ले जाएगा।
अब यह देखना है कि महमूद और रईस क्षेत्र में कितना असर डाल पाएंगे। इस बार यह देखने को मिल रहा है कि अहीरवाल में और शहरी क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह मजबूत हैं। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। गुड़गांव को आईटी सेक्टर का हब भी कहा जाता है।
2009 और 2014 में गुड़गांव से चुनाव जीत चुके हैं इंद्रजीत
राजनीतिक लिहाज से भी गुरुग्राम का खास महत्व है। 2014 लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के इंद्रजीत सिंह ने आईएनएलडी के जाकिर हुसैन को दो लाख से अधिक मतों से हाराया था। 2009 में इंद्रजीत सिंह ने यहां से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी।
बीजेपी ने एक बार फिर यहां से राव इंद्रजीत सिंह पर भरोसा किया है। अभी तक हुए चुनावों में गुरुग्राम से सबसे अधिक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2014 में पहली बार बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज की तो वहीं, बीजेपी इस बार भी अपनी जीत को दोहराने की कोशिश करेगी और कांग्रेस अपने पुराने किले को फिर से पाना चाहेगी।
गुड़गांव में 20 लाख से अधिक मतदाता
हरियाणा के तीन जिलों में फैली गुरुग्राम लोकसभा सीट पर होने वाले चुनाव में इस बार 20 लाख से अधिक मतदाता अपने सांसद की किस्मत का फैसला करेंगे। 2014 में 17 लाख 82 हजार 755 कुल मतदाता थे। अबकी बार कुल 2 लाख 59 हजार 561 वोटों में बढ़ोतरी हुई है और कुल मतदाताओं की संख्या 20 लाख 42 हजार 316 पहुंच गई है।
गुरुग्राम के वर्तमान सांसद राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 5 लाख है और अहीर मतदाता करीब 6 लाख हैं। खास बात यह है कि 200 एनआरआई (नॉन रेजिडेंड इंडियन) ने भी अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल कराया है।