वाराणसी पर सबकी नजर, भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी, घर-घर पहुंचे नेता

By भाषा | Published: May 17, 2019 08:36 PM2019-05-17T20:36:07+5:302019-05-17T20:36:07+5:30

भोजपुरी फिल्मों के स्टार मनोज तिवारी व निरहुआ ने भाजपा की इस सबसे प्रतिष्ठित सीट पर प्रचार अभियान में ग्लैमर का तड़का लगाया। मोदी के गृह राज्य गुजरात के तीन भाजपा नेताओं ने भी पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाई।

lok sabha election 2019 BJP eyes record, not just victory, as bigwigs gather in Varanasi. | वाराणसी पर सबकी नजर, भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी, घर-घर पहुंचे नेता

रामलाल की दुकान पर खड़े कृष्णपाल पटेल ने कहा, "पिछली बार गजब का माहौल था, एकदम मेला जैसा, इस बार वो बात नही आई।"

Highlightsइस प्रतिष्ठित सीट पर मोदी के प्रचार अभियान को जोरदार बनाने के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।मोदी के गृह राज्य गुजरात के तीन भाजपा नेताओं ने भी पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाई।

लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण के लिए शुक्रवार को प्रचार थम गया है। अब देशभर की 59 सीटों पर रविवार को मतदान होना है और उनमें वाराणसी सीट भी शामिल है, जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मैदान में हैं।

इस प्रतिष्ठित सीट पर मोदी के प्रचार अभियान को जोरदार बनाने के लिए भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। मोदी के अलावा सुषमा स्वराज और योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक समूह ने सभाओं को संबोधित करने के लिये शहर का दौरा किया।

भोजपुरी फिल्मों के स्टार मनोज तिवारी व निरहुआ ने भाजपा की इस सबसे प्रतिष्ठित सीट पर प्रचार अभियान में ग्लैमर का तड़का लगाया। मोदी के गृह राज्य गुजरात के तीन भाजपा नेताओं ने भी पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाई।

भाजपा के स्थानीय नेताओं ने कहा कि काकूभाई के नाम से प्रसिद्ध परिन्दु भगत ने वाराणसी का पूरा चुनाव प्रबंधन और खर्च देख रहे हैं। पेशे से वकील भगत को पिछले आम चुनाव में वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट से मोदी की जीत का प्रमाणपत्र मिला था।

बरसों से मोदी के भरोसेमंद रहे भगत वाराणसी में चुनाव से संबंधित सभी कानूनी मामलों को संभाल रहे हैं। वह यह सब वाराणसी मे महमूरगंज में एक दफ्तर से कर रहे थे। मोदी के प्रचार अभियान में चार चांद लगाने वाले दूसरे व्यक्ति का नाम सुनील ओझा है। सुनील भी गुजरात से हैं और भावनगर से विधायक रह चुके हैं।

वह वाराणसी और गोरखपुर लोकसभा सीटों के समग्र प्रभारी हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार ओझा ने 2014 में मोदी का चुनाव प्रबंध संभाला था। उन्हें घर-घर जाकर प्रचार करने और पूरी निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के बीच पहुंच बनाने की जिम्मेदारी गई थी।

वाराणसी में नवसारी से भाजपा के पूर्व सांसद सी आर पाटिल भी इन्हीं लोगों में शामिल हैं जिन्हें भाजपा के 'पन्ना प्रमुखों', स्थानीय पार्षदों और ग्राम प्रधान के साथ संपर्क में रहने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके अलावा वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गोद लिये गए दो गांवों में विकास कार्यों की भी देखरेख कर रहे थे।

दो केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और जेपी नड्डा के साथ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य यहां दो सप्ताह से ज्यादा समय से प्रचार कर रहे थे। गोयल ने जहां चिकित्सकों और वकीलों के छोटे-छोटे समूहों से मुलाकात की, वहीं नड्डा ने वाराणसी में कई छोटी-छोटी जनसभाओं को संबोधित किया।

केशव प्रसाद मौर्य ने सुषमा स्वराज के साथ आसपास के गांवों का दौरा किया। सुषमा ने भी वाराणसी में कई सभाओं और रैलियों को संबोधित किया। भोजपुरी फिल्म स्टार मनोज तिवारी ने भी प्रचार में रंग भरने में मदद की। उन्होंने गाने गाकर मोदी के लिये वोट मांगे तो दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने पूरे शहर में साइकिल रिक्शा चलाया।

इन सबके बावजूद वाराणसी के लंका इलाके में स्थानीय दुकानदार रामलाल मिश्रा ने मोदी को अपनी पसंद तो बताया, लेकिन कहा कि इस बार मजा नहीं आया और सबकुछ एकतरफा हो गया। रामलाल की दुकान पर खड़े कृष्णपाल पटेल ने कहा, "पिछली बार गजब का माहौल था, एकदम मेला जैसा, इस बार वो बात नही आई।"

मिश्रा और पटेल दोनों के अनुसार 2014 मोदी का पहला चुनाव था, जिसे लेकर अलग ही जोश था। मोदी ने 2014 में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को 3.5 लाख से ज्यादा मतों से हराया था। वाराणसी को भाजपा के लिये सुरक्षित सीट माना जाता है। पार्टी ने इन सीट पर 2004 को छोड़कर 1991 से लेकर अब तक सभी चुनाव जीते हैं। 

Web Title: lok sabha election 2019 BJP eyes record, not just victory, as bigwigs gather in Varanasi.