केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को लोकसभा की मंजूरी, निशंक ने सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाने पर दिया जोर

By भाषा | Published: December 12, 2019 08:33 PM2019-12-12T20:33:10+5:302019-12-12T20:33:10+5:30

निशंक ने कहा कि विधेयक तीन संस्कृत संस्थानों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए लाया गया है ताकि वहां अनुसंधान हो सके। बाहर से छात्र आकर शोध कर सकें और यहां के छात्र बाहर जा सकें।

Lok Sabha approves Central Sanskrit University Bill, Nishank emphasizes on empowering all Indian languages | केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को लोकसभा की मंजूरी, निशंक ने सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाने पर दिया जोर

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक को लोकसभा की मंजूरी, निशंक ने सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त बनाने पर दिया जोर

Highlightsरकार संस्कृत के साथ ही तमिल, तेलुगू, बांग्ला, मलयालम, गुजराती, कन्नड आदि सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने की पक्षधर है।मुक के ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वह किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं लेकिन कोई एक भाषा सर्वोत्तम नहीं हो सकती।

लोकसभा ने बृहस्पतिवार को देश में संस्कृत के तीन मानद विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सरकार संस्कृत के साथ ही तमिल, तेलुगू, बांग्ला, मलयालम, गुजराती, कन्नड आदि सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने की पक्षधर है और सभी को मजबूत बनाना चाहती हैं। उन्होंने विपक्ष के कुछ सदस्यों की ओर परोक्ष संदर्भ में कहा कि देश में 22 भारतीय भाषाएं हैं, लेकिन उनमें अंग्रेजी नहीं है।

निशंक ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने से विज्ञान के साथ संस्कृत का ज्ञान जुड़़ेगा और देश फिर से विश्वगुरू बनेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश को श्रेष्ठ बनाने की दिशा में एक कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक-भारत, श्रेष्ठ-भारत का और देश को विश्वगुरू बनाने का रास्ता इसी से निकलेगा। इससे पहले सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा और द्रमुक के सदस्यों में संस्कृत तथा तमिल भाषा को लेकर नोकझोंक भी हुई।

जाहिर तौर पर इसी संबंध में निशंक ने कहा, ‘‘ यहां किसी भाषा का विवाद नहीं है और इस तरह की छोटी बात में उलझा नहीं जा सकता। ’’ उन्होंने कहा कि विधेयक तीन संस्कृत संस्थानों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए लाया गया है ताकि वहां अनुसंधान हो सके। बाहर से छात्र आकर शोध कर सकें और यहां के छात्र बाहर जा सकें। इसे भाषा के विवाद में नहीं खड़ा करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने के पक्षधर हैं। हम प्रत्येक भारतीय भाषा के ज्ञान के भंडार का उपयोग करेंगे। अगर संस्कृत सशक्त होगी तो सभी भारतीय भाषाएं भी सशक्त होंगी।’’ मानव संसाधन विकास मंत्री के इस बयान पर द्रमुक के ए राजा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन समेत अन्य विपक्षी सदस्य भी समर्थन जताते नजर आए। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।

संसद से विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री विद्यापीठ और तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाएगा। अभी तीनों संस्थान संस्कृत अनुसंधान के क्षेत्र में अलग-अलग कार्य कर रहे हैं। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के सत्यपाल सिंह ने कहा कि संस्कृत आदि भाषा है और सभी भाषाओं के मूल में संस्कृत है। वेदों और संस्कृत से भारत का आधार है। उन्होंने कहा कि संस्कृत देवों और पूर्वजों की भाषा है और यह वैज्ञानिक भाषा है एवं सर्वमान्य है।

हालांकि द्रमुक के सदस्य भाजपा सांसद के पूरे भाषण के दौरान टोका-टोकी करते दिखे। द्रमुक के ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि वह किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं लेकिन कोई एक भाषा सर्वोत्तम नहीं हो सकती। कोई भाषा दूसरी भाषा पर हावी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि हम संस्कृत विरोधी नहीं। देश में दो तरह की विचारधाराएं हैं, एक आर्य और संस्कृत वाली, दूसरी द्रविण और तमिल भाषा वाली। उन्होंने कहा कि तमिल भाषा संस्कृत से नहीं आई।

उन्होंने कहा कि कि संस्कृत 2500 साल से ज्यादा पुरानी नहीं है जबकि द्रविण भाषाओं के 4500 साल से अधिक पुराने होने के प्रमाण मिलते हैं। निशंक ने तमिलनाडु में तमिल भाषा के परिषद के संदर्भ में द्रमुक सदस्य की चिंताओं पर कहा कि इस परिषद के अध्यक्ष तमिलनाडु के मुख्यमंत्री होते हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल से इस समिति का गठन नहीं हुआ है। राज्य सरकार को इसे करना चाहिए।

Web Title: Lok Sabha approves Central Sanskrit University Bill, Nishank emphasizes on empowering all Indian languages

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे