Tiddi Dal Attack: टिड्डियों ने किया भीषण हमला, घरों में कैद हुए लोग.. सामने आया डरा देने वाला वीडियो
By गुणातीत ओझा | Published: June 3, 2020 08:03 AM2020-06-03T08:03:21+5:302020-06-03T08:13:22+5:30
राजस्थान के 21 जिले अब तक टिड्डी हमले की चपेट में आ चुके हैं। कल मंगलवार को बिकानेर में टिड्डियों के बड़े झुंड ने धावा बोला। टिड्डियों की इतनी भारी तादाद को देखते हुए लोगों को बचने के लिए घरों में कैद होना पड़ा।
जयपुर।राजस्थान में टिड्डियों का हमला जारी है। कृषि विभाग ने राज्य में अलर्ट जारी किया है कि टिड्डियों का हमला अभी आगे भी जारी रहेगा। जून में टिड्डी दल के कई भीषण हमले हो सकते हैं। राजस्थान के 21 जिले अब तक टिड्डी हमले की चपेट में आ चुके हैं और टिड्डियों के दल जयपुर में भी देखे गए हैं। कल मंगलवार को राजस्थान के बिकानेर में टिड्डियों ने धावा बोला। टिड्डियों के झुंड को आता देख लोग घरों में कैद हो गए। टिड्डियों को रास्ता भटकाने और उनसे बचने के लिए लोगों ने पटाखे जलाए।
विशेषज्ञों ने कहा कि टिड्डी दल के हमले के बारे में किसानों एवं ग्रामीणों को अधिक से अधिक जानकारी देने की जरूरत है ताकि फसलों को बचाया जा सके और मूवमेंट की जानकारी भी मिल सके। दिन बड़े होने के कारण टिड्डियां अब ज्यादा देर उड़ रही हैं। जून में टिड्डियों का प्रकोप बढ़ सकता है। इनसे निपटने के लिए राज्य स्तर पर योजना एवं मॉनिटरिंग की जरूरत है।
#WATCH Rajasthan: A swarm of locusts was seen in Bikaner city yesterday. The locals attempted to scare away the locusts by clanging utensils and bursting crackers. (02.06.2020) pic.twitter.com/SKuSlqfPOp
— ANI (@ANI) June 3, 2020
10-15 दिन में टिड्डी दल बढ़ाएगा अपनी तादाद
विशेषज्ञों ने बताया कि टिड्डियों के अण्डे देने की स्थिति में आने में 10-15 दिन ही शेष हैं इसलिए रेतीली मिटटी वाले स्थानों पर विशेष नजर भी रखनी होगी। साथ ही टिड्डियों के खात्मे के लिए उपयोग किए जाने वाले कीटनाशकों के भी अपने नुकसान हैं, इसे देखते हुए दवा की निर्धारित मात्रा का ही उपयोग किया जाना चाहिए।
खरीफ फसल पर मंडरा रहा खतरा
टिड्डियां जल्द ही अण्डे देने की स्थिति में आ जाएंगी और ऐसा हुआ तो इन अण्डों से निकला निम्फ (फाका) खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस जगह टिड्डी स्वार्म के खात्मे के लिए कीटनाशक छिड़के जाएं वहां कम से कम 10 दिन पशुओें को नहीं जाना चाहिए और ना ही वहां का कुछ खाना चाहिए।